वैशाली. जम्मू कश्मीर में हुए आतंकी हमले में बिहार के वैशाली जिले स्थित कटहरा थाना क्षेत्र के अबाबकरपुर निवासी फहीम नसीर की भी मौत हो गई थी. आतंकी हमले में मारे गए फहीम नसीर का शव पैतृक घर पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया. वहीं फहीम का शव पहुंचते ही गांव के लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई. बताया जा रहा है कि अबाबकरपुर कब्रिस्तान में ही नमाज अदा कर फहीम को दफनाया जाएगा.
5 नवंबर को फहीम आने वाले थे घर
मरहूम फहीम की पत्नी और चार बच्चे भी अपने पैतृक घर पहुंच चुके हैं. फहीम की पत्नी से लेकर बेटी और बेटे का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है. वहीं फहीम नसीर की बेटी चीख-चीखकर सरकार से अपने पिता के लिए इंसाफ मांग रही है. फहीम नसीर का शव जैसे ही घर पहुंचा आस-पास के लोगों की भारी भीड़ उनके घर पर जमा हो गई. फहीम नसीर 5 नवंबर को अपनी भतीजी के शादी में घर आने वाले थे. उनका एक ही सपना था कि अपनी बेटी को पढ़ाकर आईएएस बनाएंगे. लेकिन, उनका सपना सपना ही रह गया और आतंकियों ने उनके सपना पर पानी फेर दिया. बता दें कि जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में आंतकी हमले में 7 लोगों की मौत हुई है. इसमें तीन लोग बिहार से कश्मीर मजदूरी करने गए थे. आतंकी संगठन टीआएफ के कायराना हमले में वैशाली के फहीम भी मारे गए. लोकल 18 की टीम ने उनके गांव रामपुर लाही से परिजनों का दर्द जाना. पढ़ें पूरी रिपोर्ट
बेटी को बनाना चाहते थे आईएएस
फहीम नसीर की बेटी जिकारा फहीम ने लोकल 18 को बताया कि पिता पढ़ा-लिखाकर आईएएस बनाना चाहते थे. पिता का सपना साकार करने के लिए मेहनत भी कर रही थी. जिकारा ने सरकार से गुहार लगाया है कि पढ़ाई में मदद दी जाए, ताकि पिता के सपने को साकार कर सकें. जिकारा ने बताया कि पिता ने उसके लिए एक बैग भी खरीदा था. बैग को लेकर 5 नवंबर काे आने वाले थे. लेकिन, उससे पहले ही आतंकियों के गोली का शिकार हो गए. जिकारा बार-बार इसी बात को लेकर रो रही थी कि पिता ने क्या गलती की थी, जो आतंकियों ने मार डाला. सरकार से यही मांग करते हैं कि पिता को न्याय मिले.
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FIRST PUBLISHED :
October 22, 2024, 21:21 IST