आदमखोर बाघ और भेड़िए इस चिड़ियाघर में कर रहे मौज, लुफ्त उठा रहे पर्यटक

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Agency:News18 Uttar Pradesh

Last Updated:January 31, 2025, 11:42 IST

Pilibhit News: पीलीभीत से लाया गया बाघ घूमने के लिए अपने बाड़ा क्षेत्र से बाहर निकलने से कतरा रहा है. चिड़ियाघर प्रशासन और दर्शक उसकी एक झलक पाने के लिए उत्सुक है, लेकिन वह अब तक अपने घेरे में ही छिपा हुआ है. ज...और पढ़ें

आदमखोर बाघ और भेड़िए इस चिड़ियाघर में कर रहे मौज, लुफ्त उठा रहे पर्यटक

चिड़ियाघर प्रशासन और दर्शक उसकी एक झलक पाने के लिए उत्सुक हैं,

हाइलाइट्स

  • पीलीभीत से लाया गया बाघ बाड़े से बाहर नहीं निकल रहा है.
  • भेड़िए और हाथी नए वातावरण में अभ्यस्त हो रहे हैं.
  • गोरखपुर चिड़ियाघर में दर्शकों की संख्या बढ़ी.

गोरखपुर: यूपी के गोरखपुर शहर के शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान में हाल ही में आए वन्य जीवों की गतिविधियां चर्चा में हैं. 20 जनवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीलीभीत से आए बाघ, बहराइच से लाए गए भेड़िए (भैरव और भैरवी) और हाथी ‘गंगा प्रसाद’ को चिड़ियाघर के बाड़े में छोड़ा था. इनमें से हाथी और भेड़िए नए वातावरण में धीरे-धीरे अभ्यस्त हो रहे हैं, लेकिन बाघ अभी तक अपनी नई जगह को अपनाने में संकोच कर रहा है.

बाड़े से नहीं निकल रहे बाघ

पीलीभीत से लाया गया बाघ अपने घूमने के लिए बने बड़ा क्षेत्र से बाहर निकलने से कतरा रहा है. चिड़ियाघर प्रशासन और दर्शक उसकी एक झलक पाने के लिए उत्सुक है, लेकिन वह अब तक अपने घेरे में ही छिपा हुआ है. जू-कीपर (पशु देख भालकर्मी) भी उसे बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सफलता नहीं मिली. बाघ की दहाड़ अन्य वन्य जीवों को भी चौंका रही है.

भेड़िए और हाथी अब सहज

बहराइच से आए भेड़िए भैरव और भैरवी नए वातावरण में घुल-मिल रहे हैं. वे दिनभर में कम से कम एक-दो बार बाहर निकलकर उछल-कूद कर रहे हैं. यह वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक सकारात्मक संकेत है कि भेड़िए अब खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं.

वहीं, गंगा प्रसाद नामक हाथी को चिड़ियाघर के ‘रेस्क्यू हाथी सेंटर’ में रखा गया है. उसने काफी जल्दी अपने नए परिवेश को अपना लिया है और पूरी तरह से मस्ती में दिख रहा है.

दर्शकों की बढ़ती उत्सुकता

गोरखपुर चिड़ियाघर में इन नए वन्य जीवों के आगमन से दर्शकों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है. विशेषकर बाघ को देखने की उत्सुकता बनी हुई है, लेकिन जब तक वह खुद को सहज महसूस नहीं करता. तब तक उसे बिना किसी दबाव के समय दिया जाएगा.

चिड़ियाघर प्रशासन का कहना है कि वन्यजीवों को उनके हिसाब से ढलने देना ही बेहतर होगा. ताकि वे अपने नए परिवेश में बिना किसी तनाव के रह सकें. आने वाले दिनों में बाघ के व्यवहार में क्या बदलाव आता है, यह देखना दिलचस्प होगा.

Location :

Gorakhpur,Uttar Pradesh

First Published :

January 31, 2025, 11:42 IST

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