नई दिल्ली: इंडिया टीवी पर रजत शर्मा के शो 'आप की अदालत' में इस बार की मेहमान बॉलीवुड की पूर्व स्टार और अब किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर ममता कुलकर्णी थीं। उन्होंने रजत शर्मा के सवालों के खुलकर जवाब दिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि मुझे डर लगता है कि कभी-कभी मेरे अंदर से प्रचंड चंडिका आ जाती है।
ममता कुलकर्णी ने कहा कि महामंडलेश्वर कोई बनाता नहीं है, वो आप होते हो। मैंने महाकाल और महाकाली की घोर तपस्या की है। कभी-कभी मेरे अंदर से प्रचंड चंडिका बाहर आ जाती है। मेरी इच्छा नहीं थी कि मैं किसी प्रकार की पदवी से बंध जाऊं। मैं प्रचंड चंडी का आज्ञ स्वरूप हूं।
ममता कुलकर्णी ने कहा कि मैंने 23 साल तक तपस्या की लेकिन इन लोगों ने कुंभ स्नान के लिए जाते समय मुझे सबसे पीछे रख दिया। मैंने कहा कि कोई बात नहीं, लेकिन मेरे अंदर प्रचंड चंडिके हैं, मैंने 23 साल से योगियों को अपने अंदर जागृत कर रखा है। उनको ये बात सहन नहीं हुई कि मैं पीछे हूं।
ममता कुलकर्णी ने कहा कि मैं रो रही थी कि मेरा स्नान रह गया। लेकिन 3 बजे वहां के जो मुख्य लोग हैं तो उनका फोन आया कि आप महागौरी हो। पूरा स्नान स्थगित हो गया। तब मैंने कहा कि मैं महाकाली हूं। जिस स्नान में आप डुबकी मार रहे हो, मैं वही हूं।
ममता कुलकर्णी ने कहा कि कुंभ में, मैं सुबह 4 बजे स्नान के लिए उठी लेकिन मेरा स्नान नहीं हुआ। मैंने सोचा कि ये तो पूछूं कि क्या मुझे चाय मिलेगी? लेकिन चाय वाला भी स्नान के लिए गया था लेकिन मैं नहीं जा पाई। इस पर प्रचंड चंडिका भड़क गई। समझना कि लाशें गिर पड़ी थीं वहां पर, लेकिन ये मैं नहीं चाहती थी। लेकिन वो प्रचंड चंडिका बर्दाश्त नहीं कर पाई।
मां भगवती ने मुझे दर्शन दिया: ममता कुलकर्णी
ममता कुलकर्णी ने आप की अदालत में एक बड़ा दावा भी किया। उन्होंने कहा कि मां भगवती ने मुझे दर्शन दिया। मैंने लगातार तीन महीने तक ध्यान किया। लगातार पांच दिनों तक मैंने पानी भी नहीं पिया। 15वें दिन मां भगवती मेरे सामने प्रकट हुईं। ममता ने कहा कि मैंने 23 सालों तक तपस्या की है। मैंने मां महाकाली की तपस्या की।'