आलू की खेती में हो रहा है घाटा! किसान बोले- खेत की 8 से 10 करनी पड़ती है जुताई

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Agency:News18 Haryana

Last Updated:February 02, 2025, 22:52 IST

बल्लभगढ़ के साहुपुरा गांव के किसान बाबू और सूरज आलू की खेती से अपना गुजरा करते हैं. उन्होंने बताया कि वे पिछले 16 सालों से खेती कर रहे हैं. आलू की खेती में कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, क्योंकि खेत में 8 से 10 बार ...और पढ़ें

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किसान सूरज और बाबू की आलू खेती से संघर्ष और सफलता.

हाइलाइट्स

  • किसान ने बताया कि आलू की खेती के लिए 8 से 10 बार खेत की जुताई करनी पड़ती है.
  • इस बार आलू की कीमतें इतनी कम हैं कि लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है.
  • खेती ही उनकी आजीविका का मुख्य साधन है, लेकिन कम दाम से आर्थिक संकट बढ़ रहा है.

फरीदाबाद: बल्लभगढ़ के साहुपुरा गांव के किसान बाबू और सूरज आलू की खेती करके अपने परिवार का पालन- पोषण करते हैं. बाबू ने बताया कि वे पिछले 16 सालों से खेती कर रहे हैं. इस समय 8 किला ज़मीन में आलू की फसल उगा रहे हैं. आलू की खेती में कड़ी मेहनत करनी पड़ती है.

आलू की बुलाई करने के लिए खेत में 8 से 10 बार जुताई करनी होती है. बुवाई के लिए वे खुद का आलू बीज उपयोग करते हैं, जिसे ट्रैक्टर के माध्यम से खेतों में डाला जाता है. एक किला में लगभग 35 कट्टा आलू उगता है. एक कट्टे में करीब 55 से 56 किलोग्राम आलू होता है. हालांकि, इस बार आलू के दाम मंडी में कम मिल रहे हैं. किसान ने बताया कि आलू की फसल में उतार-चढ़ाव होना सामान्य है, और यह हर साल देखने को मिलता है.

इस बार आलू की खेती में हो रहा है घाटा
किसान सूरज ने बताया कि आलू की खेती में कभी फायदा होता है तो कभी नुकसान भी उठाना पड़ता है. इस समय एक कट्टा आलू 450 रुपये में बिक रहा है, लेकिन उनके अनुसार यह कीमत बहुत कम है. उनका मानना है कि अगर एक कट्टा आलू 700 रुपए में बिके तो थोड़ा अधिक फायदा हो सकता है. दरअसल, उत्पादन और मेहनत के मुकाबले वर्तमान दाम बहुत ही कम हैं. जब आलू की फसल तैयार हो जाती है, तो वे उसे बल्लभगढ़ की मंडी में लेकर जाते हैं, जहां पर उसे बेचकर पैसे प्राप्त होते हैं.

12 सालों से बल्लभगढ़ में कर रहे हैं खेती
सूरज ने बताया कि वे बुलंदशहर के रहने वाले हैं, लेकिन पिछले 12 सालों से बल्लभगढ़ में खेती कर रहे हैं. उनकी उम्र 50 साल है और खेती ही उनका मुख्य काम है. इससे वे अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं. वे मानते हैं कि खेती में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, लेकिन यही उनका जीवन है.

Location :

Faridabad,Haryana

First Published :

February 02, 2025, 22:52 IST

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