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इजरायल ने जब 11 खिलाड़ियों की हत्या का बदला चुन-चुनकर लिया, मोसाद ने चलाया था Operation Wrath of God
नई दिल्ली. ईरान ने मंगलवार रात इजरायल पर 100 से ज्यादा मिसाइलें दागीं और दावा कि उसने मोसाद का हेडक्वार्टर तबाह कर दिया है. इजरायल का जवाब आया कि ईरान ने बड़ी गलती कर दी है और अब उसे इसकी भारी कीमत चुकानी होगी. इतिहास गवाह है कि चाहे मिडिल-ईस्ट वार हो या कोई आतंकी हमला, इजरायल अपने दुश्मनों से चुन-चुनकर बदला लेता है. सिर्फ युद्ध ही नहीं, ओलंपिक इतिहास में भी इजरायल का ऐसा बदला दर्ज है, जिसकी हर कोई मिसाल देता है. इजरायल ने म्यूनिख ओलंपिक में अपने 11 खिलाड़ियों पर हमले के जवाब में यह बदला लिया था. आइए जानते हैं कि पूरा मामला क्या था.
साल 1972 में जर्मन शहर म्यूनिख ने ओलंपिक की मेजबानी की थी. म्यूनिख ओलंपिक की शुरुआत 26 अगस्त को हुई थी. शहर से करीब 20 किमी दूर ओलंपिक विलेज बनाया गया था. यहीं कई होटलों में खिलाड़ी ठहरे हुए थे. इजरायली खिलाड़ी भी एक होटल में थे. छह सितंबर को फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन ‘ब्लैक सितंबर’ के 8 आतंकी उस होटल में घुस गए, जहां इजरायली खिलाड़ी रुके हुए थे. आतंकियों ने इजरायली वेटलिफ्टर जोसेफ रोमानो और कोच मोशे वेनबर्गे की हत्या कर दी और 9 खिलाड़ियों को बंधक बना लिया. जर्मनी ने इन खिलाड़ियों को छुड़ाने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहा. जर्मनी की इस कोशिश को देखते हुए आतंकियों ने इजरायल के बाकी 9 खिलाड़ियों को भी मार दिया.
इजरायल ने अपने खिलाड़ियों की मौत का बदला लेने का प्लान बनाया. उसने तय किया कि ‘ब्लैक सितंबर’ के आतंकियों को मारकर रहेगा. तत्कालीन इजरायली प्रधानमंत्री गोल्डा मेयर ने खुफिया एजेंसी मोसाद को यह जिम्मेदारी दी. मोसाद ने इसके बाद ऑपरेशन रैथ ऑफ गॉड (Wrath of God) चलाया.
मोसाद ने अगले सात साल तक ‘ऑपरेशन रैथ ऑफ गॉड’ नामक सीक्रेट मिशन चलाया. इस ऑपरेशन के जरिए इजरायल ने यूरोप और मिडिल ईस्ट देशों में एक दर्जन संदिग्धों की हत्या कर दी. इसमें फिलिस्तीनी कवि वेल ज्वैटर भी शामिल थे. मोसाद का मानना था कि ज्वैटर इटली में ब्लैक सितंबर का प्रमुख था और म्यूनिख हमले में शामिल था. ऐसे ही फिलिस्तीन समर्थित कई आतंकियों और नेताओं को मारकर इजरायल ने अपने खिलाड़ियों की मौत का बदला लिया था.
Tags: Israel, Israel Iran War, Olympic Games
FIRST PUBLISHED :
October 2, 2024, 13:36 IST