Bara Banki: बाराबंकी जिले के किसानों को पराली जलाने की समस्या से निपटने और ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे कारोबारों को बढ़ावा देने के लिए बायो फ्यूल सर्कल के बायोमास बैंक ने एक नई पहल की है. यह पहल उस समय की गई जब पराली जलाने का मौसम शुरू हुआ है. इस लिहाज से ये और भी फायदेमंद है. इस प्लांट के शुरू होने से किसानों की पराली से कंप्रेस्ड गैस (सीएनजी) का उत्पादन भी होने लगा है. जिले में पराली खरीदने के लिए देश की अग्रणी बायो फ्यूल सर्कल ने बाराबंकी जिले की तीन तहसीलों में बायोमास बैंक बनाएं हैं.
रोज होता है इतना उत्पादन
इन बैंकों से पराली के अवशेषों को इकट्टा करने का काम तेजी से किया जा रहा है. इससे किसानों की आय बढ़ रही है और बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी मिल रहा है. जिले में करीब 130 करोड़ की लागत से बायो कंप्रेस्ड गैस यूनिट लगाई गई है, जिसमें पराली, गोबर और हरे-गीले कचरे से बायोगैस का प्रोडक्शन किया जा रहा है. इस प्लांट से रोज करीब 60 टन बायोगैस का उत्पादन होगा.
क्या कहना है किसानों का
इस बारे में किसानों का कहना है कि पहले उन्हें धान की पराली को लेकर बहुत समस्या होती थी. अगर वे लोग पराली जलाते थे तो प्रशासन की तरफ से उन पर एफआईआर दर्ज हो जाती थी लेकिन अब इस पराली को निस्तारित करने के लिए सरकार की पहल पर बाराबंकी में बायोगैस का प्लांट लग गया है. अब किसानों को पराली का पैसा भी मिलेगा और वे खुद खेतों से पराली भी उठा लेते हैं, जिससे किसानों को काफी ज्यादा फायदा है और उनकी आए भी बढ़ गई है.
किसान कर सकते हैं कमाई
कृषि उपनिदेशक श्रवण कुमार ने लोकल 18 से बातचीत मे बताया कि जो बायोगैस प्लांट लगाया गया है इसकी कैपेसिटी 50 हज़ार से लेकर के 60 हजार टन तक की है. अभी जनपद में चार तहसीलों में बायो सर्कल नाम से सेंटर बने हैं. जनपद में ढाई हजार मैट्रिक टन पराली इकट्ठा भी कर ली गई है. इससे एक फायदा यह होगा कि पहले किसान पराली जलाते थे पर वे अब इस पराली से अच्छी आमदनी कर सकते हैं. इससे पराली जलाने की समस्या से निजात मिलेगी वहीं पराली किसानों के खेतों से समय से उठ जाएगी और उसका प्रयोग गैस बनाने और साथ ही साथ ऑर्गेनिक खाद बनाने के रूप में होगा. कंपनी के इस काम से किसानों को सीधा फायदा होगा.
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FIRST PUBLISHED :
October 22, 2024, 10:40 IST