घास की तस्वीर
मंडी: हिमाचल के मंडी जिले में कुछ चीजें ऐसी हैं जो पिछले जमाने से अब तक नहीं बदली हैं और आज भी पुरानी तकनीकों से ग्रामीण क्षेत्र के लोग अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं. ऐसे में लोकल 18 की टीम आपको सूखी घास को क्यों स्टोर किया जाता है, इस पर जानकारी प्रदान करेगी. दरअसल, बरसात के बाद हुई हरि घास बारिश खत्म होने के बाद सुख जाती है, जिसे ग्रामीण लोग इकट्ठा करते हैं. यह सुखी घास कई प्रकार से लोगों की मदद करती है. लोग इसे सरलू घास भी कहते हैं और बरसात के जाने के बाद इसे काटकर स्टोर कर लेते हैं.
सर्दियों में चारे की कमी से बचाव
सरलू घास को इस लिए भी काटा जाता है कि जब सर्दियां आती हैं, तो पाले से सब कुछ खराब होने लगता है. सर्दियों के समय पशुओं के चारे को लेकर काफी दिक्कत होती है. इसीलिए, अपने जानवरों के अच्छे पालन-पोषण को ध्यान में रखते हुए इसे काटकर स्टोर कर लिया जाता है.
पशुओं के लिए गर्म रखने का उपाय
इस सुखी घास को गौशाला के फर्श पर भी बिछाया जाता है. मंडी जिले में सर्दियों में सुबह-शाम कड़ी सर्दी पड़ती है, इसलिए पशु जमीन पर बैठकर सर्दी से बीमार न हों, इस हेतु भी इस घास का उपयोग होता है. गांव वाले अपने घरों के बाहर स्थित पेड़ पर डोरी लगाकर इस घास को बांध देते हैं, और जब इसकी जरूरत होती है, तब इसे निकाल लिया जाता है.
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चूल्हा जलाने में सहायक
इस सरलू घास को इकट्ठा कर सर्दियों में ग्रामीण लोग अपने चूल्हे जलाने के लिए भी उपयोग करते हैं. जब सर्दियों में चूल्हा जलाने में दिक्कत होती है, तो इस घास को थोड़ी मात्रा में पहले जलाया जाता है, और उसके बाद ही बड़ी लकड़ी चूल्हे में डाली जाती है. यह घास एकदम सूखी होती है, इसलिए पल भर में इसे आसानी से जलाया जा सकता है.
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FIRST PUBLISHED :
October 22, 2024, 12:43 IST