नर्मदापुरम: जिले के किसानों के लिए एक बड़ी राहत और खुशखबरी है. अब खेत की मिट्टी की जांच कराने के लिए उन्हें जिला मुख्यालय तक लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी. किसानों की सुविधा के लिए कृषि उद्यानिकी से जुड़े शिक्षित युवा अब ब्लॉक स्तर पर ही मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाएं चलाएंगे. जिले के सिवनी मालवा, केसला, माखननगर, सोहागपुर, पिपरिया और बनखेड़ी में इन प्रयोगशालाओं की स्थापना की जा रही है, जिससे किसानों को आसानी से अपने खेत की मिट्टी का परीक्षण कराने का अवसर मिल सकेगा.
युवाओं के लिए कृषि में रोजगार के नए अवसर
यह पहल न केवल किसानों के लिए लाभकारी है, बल्कि कृषि उद्यानिकी विषय के शिक्षित युवाओं के लिए भी रोजगार के नए द्वार खोल रही है. इन प्रयोगशालाओं के संचालन के लिए ग्रेजुएट, पोस्ट-ग्रेजुएट और डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त युवा एजेंसी के रूप में काम करेंगे. युवाओं को अपने ब्लॉक स्तर पर मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं का संचालन करने का मौका मिलेगा, जिससे उन्हें न केवल रोजगार प्राप्त होगा, बल्कि वे कृषि व्यवसाय में भी शामिल हो सकेंगे.
मिट्टी परीक्षण की संख्या में होगा इजाफा
जिले में पहले से ही पवारखेड़ा और कृषि उपज मंडी परिसर में मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाएं उपलब्ध थीं, लेकिन ये मुख्यालय के पास होने के कारण दूरस्थ क्षेत्रों के किसानों के लिए पहुंचना कठिन था. इससे मिट्टी परीक्षण की संख्या में कमी देखने को मिल रही थी. अब, जब यह सुविधा ब्लॉक स्तर पर उपलब्ध होगी, तो ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों को अपने खेत की मिट्टी की जांच कराने में आसानी होगी और मिट्टी परीक्षण की संख्या में भी बढ़ोतरी होगी.
मृदा स्वास्थ्य कार्ड से होगा किसानों को लाभ
मिट्टी परीक्षण के बाद, किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किया जाएगा, जिससे वे अपनी मिट्टी की गुणवत्ता, पोषक तत्वों की कमी और आवश्यक सुधार के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकेंगे. इस कार्ड की मदद से किसान अपनी खेती की उत्पादकता बढ़ाने के लिए सही फसल चुनने और खाद का सही उपयोग करने में सक्षम होंगे. इससे न केवल उनकी फसलों की पैदावार में वृद्धि होगी, बल्कि उनके कृषि उत्पादन की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा.
सरकार का समर्थन और युवाओं की भूमिका
सरकार इस योजना के तहत युवाओं को प्रयोगशालाओं की स्थापना के लिए उपकरण, फर्नीचर और अन्य आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराएगी. इन प्रयोगशालाओं का संचालन युवाओं द्वारा किया जाएगा और उनका पोर्टल पर दर्ज परीक्षण के आधार पर मानदेय दिया जाएगा. इससे न केवल युवाओं को एक स्थिर आय प्राप्त होगी, बल्कि उन्हें अपने क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का भी अवसर मिलेगा. इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को बेहतर सुविधा प्रदान करना और युवाओं को कृषि क्षेत्र से जोड़ना है.
तीन महीने में होगी जांच
कृषि विभाग के उप संचालक जेआर हेडऊ के अनुसार, जिले में स्थापित होने वाली इन छह प्रयोगशालाओं का संचालन और मानदेय लक्ष्य पूरा करने के आधार पर दिया जाएगा. प्रयोगशालाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए हर तीन महीने में कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जाएगा. इससे यह सुनिश्चित होगा कि प्रयोगशालाएं सुचारू रूप से कार्य कर रही हैं और किसानों को सही समय पर सटीक जानकारी मिल रही है.
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FIRST PUBLISHED :
October 22, 2024, 14:46 IST