नई दिल्ली. आपने राधाकिशन दमानी, राकेश झुनझुनवाला, विजय केडिया व डॉली खन्ना का नाम सुना होगा. लेकिन क्या आपने कभी अनिल कुमार गोयल के बारे में सुना है? अनिल कुमार भी बाजार के दिग्गजों में गिने जाते हैं जिन्होंने स्टॉक मार्केट में कदम 41 वर्ष की आयु में रखा. उनका शेयर बाजार में पहला बड़ा कदम 1992 में आया, जब उन्होंने बाजार में बढ़ती तेजी को देखते हुए एक बड़ी गिरावट की भविष्यवाणी की. 1990 के दशक की शुरुआत में हर्षद मेहता के बुल रन के चलते बाजार में जबरदस्त उत्साह था. गोयल को अचानक तेजी से बढ़ती कीमतों पर शक था.
उन्होंने अपने मैनेजर से इस बारे में बात की, जो खुद भी एक निवेशक था. गोयल ने कहा कि कुछ गड़बड़ है और उसे अपना पैसा सुरक्षित कर लेना चाहिए. उस समय मैनेजर ने उनकी बात को गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन बाद में बाजार में बड़ी गिरावट आने के बाद उन्हें गोयल की भविष्यवाणी सही साबित हुई. मई 1992 में बाजार 4400 के स्तर से गिरकर अप्रैल 1993 में 1800 पर आ गया, जिससे गोयल की समझ और जानकारी की पुष्टि हुई.
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41 साल की उम्र में, अनिल गोयल ने अपनी 24 साल की कारोबारी यात्रा को छोड़कर पूरा समय निवेश में देने का फैसला किया. हालांकि यह सफर आसान नहीं था. 90 के दशक के मध्य में, उन्होंने ग्लोबल डिपॉजिटरी रिसीट्स (GDRs) में बड़ा निवेश किया, जिससे उन्हें भारी नुकसान हुआ. इसके बावजूद, गोयल ने हार नहीं मानी. उन्होंने स्टील का व्यापार छोड़ दिया और जमीन बेचकर अपना पूरा ध्यान शेयर बाजार पर केंद्रित कर लिया. IT सेक्टर से दूर रहकर उन्होंने डॉट-कॉम क्रैश से भी खुद को बचाया. 1998 में उन्होंने बाजार में फिर से प्रवेश किया, इस बार नई सोच और सीखे हुए सबक के साथ. ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने शेयर बाजार में अपनी शुरुआत 5 लाख रुपये से की थी. आज उनकी नेट वर्थ 2,228 करोड़ रुपये है और वे शेयर बाजार के बड़े नामों में गिने जाते हैं.
अच्छी रिसर्च जरूरी
अनिल गोयल का मानना है कि कहीं भी पैसा निवेश करने से पहले अच्छी तरह रिसर्च करनी चाहिए. वह खुद भी रिपोर्ट्स पढ़ते हैं और विशेषज्ञों से बातचीत करते हैं. वह उन सेक्टर्स में निवेश करना पसंद करते हैं, जिन्हें वह अच्छी तरह समझते हैं. उनके पोर्टफोलियो में इंडस्ट्रियल और शुगर स्टॉक्स की संख्या ज्यादा है. आमतौर पर वे 70-80 स्टॉक्स फॉलो करते हैं, लेकिन मुख्य रूप से 20 स्टॉक्स पर ध्यान केंद्रित करके बड़ा मुनाफा कमाते हैं. अनिल गोयल अपने अनुभवों से बहुत कुछ सीखते हैं और कहते हैं कि “शेयर बिना समझे कभी नहीं खरीदता.” उनके लिए मन की स्पष्टता बहुत महत्वपूर्ण है, जो एक स्वस्थ शरीर के साथ आती है. उनका कहना है कि “अधिक जानकारी का लालच न करें, केवल वही जानकारियां रखें जो आपके लिए जरूरी हैं.” वह अपने विचारों पर समय भी खर्च करते हैं और मानते हैं कि “पैसे के लिए सेहत को नुकसान न पहुंचाएं.”
धैर्य से काम लें
वह दूसरों की सलाह पर बिना अपनी समझ के निवेश न करने की सलाह देते हैं. उनका KPC फॉर्मूला (Knowledge, Patience, Conviction) उनकी सफलता की कुंजी है, जो निवेश में धैर्य और दृढ़ता को बढ़ावा देता है. वे प्रोमोटर की गुणवत्ता का भी ध्यान रखते हैं और प्रोमोटर की गतिविधियों को ध्यान से देखते हैं. वह अपने शेयरों को तब तक होल्ड करते हैं जब तक वे 3 से 4 गुना रिटर्न न दे दें और वह ऐसे व्यवसायों में निवेश करना पसंद करते हैं जो अच्छे डिविडेंड प्रदान करते हों.
स्वीट पोर्टफोलियो
उनके पोर्टफोलियो को ‘स्वीट पोर्टफोलियो’ भी कहा जाता है. शुगर स्टॉक्स में उनके निवेश की सफलता ने उन्हें दलाल स्ट्रीट पर “शुगर बैरन” की उपाधि दिलाई. छोटे और मिड-कैप कंपनियों पर उनकी पकड़ उन्हें भारत के बड़े निवेशकों में एक अलग पहचान दिलाती है. अनिल कुमार गोयल की कहानी सिर्फ शेयरों और निवेश की नहीं है, बल्कि एक ऐसे इंसान की है जिसने करियर के बाद के चरणों में अपनी अलग पहचान बनाई. उनका सफर नए निवेशकों के लिए सीखने, समझदारी से निवेश करने और धैर्य बनाए रखने की प्रेरणा है.
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FIRST PUBLISHED :
October 22, 2024, 16:44 IST