डॉक्टर नहीं बन पाए तो चलाने लगे परचून की दुकान, पर बेटी ने पूरा किया सपना

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Inspiring Story: डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के 90 वे दीक्षांत समारोह में बांदा की रहने वाली अर्पिता चौरसिया ने सबसे ज्यादा गोल्ड मेडल हासिल किए हैं. अर्पिता को एमबीबीएस में 8 गोल्ड और 1 सिल्वर मेडल मिला है. बेहद सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाली अर्पिता चौरसिया को मंगलवार को खंदारी कैंपस में आयोजित 90 वे दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आंनदीबेन पटेल ने गोल्ड मेडल पहनाए. इस दौरान उसके माता-पिता राज किशोर चौरसिया और सीमा चौरसिया साथ में थे. यह पहली बार हुआ है.

बेटी ने पिता के सपने को किया साकार
लोकल18 से बात करते हुए अर्पिता चौरसिया ने कहा कि उन्हें खुद यकीन नहीं है कि उनको सबसे ज्यादा गोल्ड मिले हैं. उनके पिता का सपना था कि बेटी डॉक्टर बने जो कि उन्होंने पूरा कर दिखाया. लेकिन गोल्ड मेडल के साथ यह कभी सोचा नहीं था. अर्पिता बताती हैं कि बचपन में जब वह अपने पिता की सीए किट देख रही थी.

तब उन्हें पता चला कि उनके पिता ने भी सीपीएमटी की परीक्षा दी है. उन्होंने भी बायोलॉजी ली थी. उनका सपना था कि वे डॉक्टर बने. लेकिन घर की आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी . उनके पिता परिवार में सबसे बड़े थे. इसलिए उन्हें घर बुला लिया गया. इन्हीं कारणों से उनका सपना पूरा नहीं हो पाया है. लेकिन आज में डॉक्टर बनी हूं. साथ में 8 गोल्ड मेडल मिले हैं. उनके पिता का सीना गर्व से चौड़ा है.

परचून की दुकान चलाते हैं अर्पिता के पिता
अर्पिता बताती हैं कि वह बांदा जिले के बबेरू गांव की रहने वाली हैं. 2019 में उन्होंने नीट क्वालीफाई किया और SN मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया. शुरुआती पढ़ाई उनकी बांदा में से नवोदय विद्यालय से हुई . पढ़ने में ठीक थीं. यहां भी उन्होंने मेहनत की और एमबीबीएस में अच्छे अंक हासिल किया. अर्पिता के पिता राज किशोर चौरसिया और माता सीमा चौरसिया आज बेहद भावुक थे. जब उन्हें और उनकी बेटी को मंच पर राज्यपाल गोल्ड मेडल पहना रही थी.

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बेटी ने किया सपना पूरा
अर्पित की मां सीमा चौरसिया बताती हैं कि वह सामान्य परिवार से हैं. राज्यपाल को उन्होंने अब तक टीवी पर देखा था. लेकिन आज उनसे सामने से मिली तो बेहद अच्छा लगा. बेटी ने उनका नाम रोशन किया. उनके पिता राज किशोर चौरसिया बेटी कि कामयाबी पर भावुक हो गए. उन्होंने अपना सपना अपनी बेटी में देखा जो उस ने पूरा कर दिखाया. राज किशोर चौरसिया गांव में ही परचून की छोटी सी दुकान चलाते हैं. दो बेटी और एक बेटा है. छोटी बेटी गुंजन चौरसिया कानपुर में टीचर हैं. बेटा राज आर्यन भी एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं.

Tags: Agra news, Local18

FIRST PUBLISHED :

October 22, 2024, 16:49 IST

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