इस क्लीनिक में मरीज नहीं किसानों की समस्या का होगा निदान, यहां खुला यह केंद्र

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Agency:News18 Bihar

Last Updated:February 08, 2025, 21:54 IST

Gaya News : बिहार के गया जिले में जिले का पहला एग्रो क्लिनिक यानि कृषि क्लिनिक की शुरुआत हो गई है. यह एग्रो क्लिनिक शेरघाटी अनुमंडल क्षेत्र के डोभी में खोला गया है. शेरघाटी अनुमंडल क्षेत्र के ही रहने वाले अरुण ...और पढ़ें

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कृषि

कृषि क्लिनिक में किसानों को उनकी समस्याओं का सही और सटीक समाधान मिलेगा. 

हाइलाइट्स

  • गया में पहला एग्रो क्लिनिक डोभी में खुला.
  • किसानों को कृषि समस्याओं का समाधान मिलेगा.
  • कृषि क्लिनिक खोलने में 5 लाख की लागत आएगी.

गया : बिहार के गया जिले में जिले का पहला एग्रो क्लिनिक यानि कृषि क्लिनिक की शुरुआत हो गई है. यह एग्रो क्लिनिक शेरघाटी अनुमंडल क्षेत्र के डोभी में खोला गया है. शेरघाटी अनुमंडल क्षेत्र के ही रहने वाले अरुण कुमार ने इस एग्रो क्लिनिक को खोला है और इसमें कृषि विभाग के द्वारा सहयोग किया गया है. कृषि क्लिनिक में किसानों को उनकी समस्याओं का सही और सटीक समाधान मिलेगा. अगर किसान के खेत में दवा के छिड़काव की जरूरत होगी तो कृषि क्लिनिक के माध्यम से ही दवा का छिड़काव भी कराया जाएगा.

कृषि क्लिनिक के माध्यम से मिट्टी जांच से लेकर बीज विश्लेषन, कीट और रोग से संबंधित सुझाव और पौधा संरक्षण से संबंधित जानकारी किसानों को दी जाएगी. इससे जिले में कृषि उत्पादन और कृषि उत्पादन की गुणवत्ता दोनों में बढ़ोतरी होगी.

कृषि क्लिनिक में सेवा देने के लिए अभ्यर्थी को कृषि स्नातक, कृषि व्यवसाय प्रबंधन में स्नातक या किसी विश्विविद्यालय से कृषि या उद्यान में स्नातक की डिग्री होना अनिवार्य होगा. इसके अलावा उन युवाओं को भी कृषि क्लिनिक के संचालन की जिम्मेदारी दी जा रही है जिनके पास एग्रीकल्चर या बोटनी में कम से कम दो वर्षों का अनुभव हो और उनके पास इस क्षेत्र में डिप्लोमा की डिग्री हो या फिर कृषि विषय से इंटरमीडिएट या फिर केमिस्ट्रि, बॉयोलॉजी और बॉटनी में स्नातक की डिग्री है. कृषि क्लिनिक का संचालन करने वाले युवा महीने का 20 हजार रुपये से अधिक का आय कर सकेंगे.

गया जिला की बात करें तो यहां सभी चार अनुमंडल में 8 एग्रो क्लिनिक खोले जाएंगे. फिलहाल जिले का पहला कृषि क्लिनिक डोभी में आज से शुरु हो गई है. एक कृषि क्लिनिक खोलने में कुल पांच लाख रुपए की लागत आएगी जबकि कृषि क्लिनिक खोलने के लिए राज्य सरकार की तरफ से दो लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जा रही है. गौरतलब है की उचित समय पर सही जानकारी नहीं होने के अभाव में किसानों को फसल में 30 फीसदी नुकसान का सामना करना पड़ता है लेकिन अनुमंडल स्तर पर कृषि क्लिनिक खुल जाने से किसानों को राहत मिलेगी और उन्हे अब जिला मुख्यालय नहीं जाना पडेगा.

इस संबंध में गया जिला कृषि पदाधिकारी अजय कुमार सिंह ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए बताया कि जिस तरह इंसान और जानवरों के लिये क्लिनिक होता है उसी प्रकार कृषि से संबंधित समस्या को हल करने के लिए एग्रो क्लिनिक खोला जा रहा है. इसमें किसान कृषि से संबंधित कोई भी समस्या होगी तो वह यहां जांच करा सकते हैं. किसानों के कृषि समस्या का समाधान कृषि क्लिनिक मे होगा और उन्हें जिला मुख्यालय जाने की जरुरत नही होगी. कृषि क्लिनिक में किसान निर्धारित शुल्क देकर अपने समस्या का निदान करा सकते हैं.

वहीं जिले का पहला एग्रो क्लिनिक शुरु करने वाले युवा उद्यमी अरुण कुमार बताते हैं कि न्यूज के जरिए एग्रो क्लिनिक के बारे में इन्हें जानकारी मिली जिसके बाद इन्होने आवेदन किया और चयन हो गया. कृषि क्लिनिक चलाने के लिए बीएससी एग्रीकल्चर की पढाई जरुरी है. यहां खेती और फसल से संबंधित हर परेशानी का इलाज होगा. किसानों को अब जिला मुख्यालय जाने की जरुरत नही है और निर्धारित दर पर यही उनके समस्या का निदान मिलेगा.

First Published :

February 08, 2025, 21:54 IST

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