ग्राफ्टिंग कर एक पेड़ से अनेक तरह के उगा सकते है आम
समस्तीपुर : समस्तीपुर जिले के रोसरा बाजार में इन दिनों खेती और बागवानी में रुचि रखने वाले किसानों के लिए एक खास कार्यशाला आयोजित हो रही है. इस कार्यशाला में कोलकाता के कारीगर अरूप मंडल किसानों को ग्राफ्टिंग तकनीक सिखा रहे हैं, जिससे एक ही पेड़ पर विभिन्न किस्मों के आम उगाए जा सकते हैं. इस अनोखी तकनीक से किसान अपनी बागवानी में न केवल विविधता ला सकते हैं, बल्कि आम की विभिन्न किस्मों का भी लाभ उठा सकते हैं.
क्या है ग्राफ्टिंग की तकनीक?
ग्राफ्टिंग एक ऐसी विधि है, जिसमें एक पेड़ की एक शाखा पर दूसरी किस्म के पेड़ का हिस्सा (सायन) जोड़ा जाता है. अरूप मंडल ने बताया कि इस तकनीक के माध्यम से एक पेड़ पर कई प्रकार के आम उगाना संभव हो जाता है. इस प्रक्रिया में अलग-अलग किस्म के आम के पेड़ों से सायन काटकर, उस पेड़ की शाखा में जोड़ा जाता है, जिस पर नई किस्म का फल उगाना है.
मंडल ने विस्तार से बताया, ‘प्रक्रिया के दौरान सायन के एक सिरे पर दो तरफ से चीरा लगाया जाता है, फिर जिस शाखा में इसे जोड़ना होता है, उसमें भी हल्का चीरा लगाकर सायन को डाल से बांधा जाता है. इसके बाद इसे प्लास्टिक पन्नी से कवर कर दिया जाता है ताकि सायन उस शाखा में जुड़ जाए. कुछ समय बाद, उस पेड़ पर विभिन्न किस्म के आमों का उत्पादन शुरू हो जाता है.’
किसानों के लिए नई संभावनाएं
यह तकनीक किसानों के लिए एक वरदान साबित हो रही है, क्योंकि इससे एक ही पेड़ से कई प्रकार के आमों की पैदावार की जा सकती है. इससे न केवल उत्पादकता बढ़ती है, बल्कि फलों की विविधता भी किसानों को आर्थिक रूप से लाभ पहुंचा सकती है.
अरूप मंडल का मानना है कि बिहार जैसे कृषि प्रधान राज्य में यह तकनीक काफी कारगर हो सकती है. उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसान इस विधि को अपनाते हैं, तो वे अपने बागों से बेहतर और विभिन्न स्वादों वाले आमों का उत्पादन कर सकते हैं.
रोसरा बाजार में हो रही इस कार्यशाला को स्थानीय किसानों से अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है. अरुप मंडल के अनुसार, इस तकनीक को सीखकर किसान अपने बागानों में क्रांति ला सकते हैं और सालों तक विभिन्न किस्मों के स्वादिष्ट आमों का आनंद ले सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED :
September 22, 2024, 22:31 IST