ईडी ने पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन से की पूछताछ, बोले- 'सभी आरोप गलत और झूठे हैं'

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ईडी ने पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन से की पूछताछ।- India TV Hindi Image Source : ANI ईडी ने पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन से की पूछताछ।

हैदराबाद: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एवं कांग्रेस नेता मोहम्मद अजहरुद्दीन आज ईडी के सामने पेश हुए। बता दें कि उन पर हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन में कथित तौर पर घोटाले का आरोप है। इसी जांच के सिलसिले में वह आज ईडी के सामने पेश हुए। ईडी कार्यालय से बाहर निकलने के बाद उन्होंने पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा कि उनके ऊपर लगाए गए सभी आरोप गलत और झूठे हैं। बता दें कि मोहम्मद अजरुद्दीन हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

पिछले साल की थी छापेमारी

बता दें कि ईडी ने इस संबंध में पिछले साल नवंबर में छापेमारी की थी। मोहम्मद अजहरुद्दीन पर उनके कार्यकाल के दौरान घोटाले का आरोप है। ईडी से पूछताछ के बाद उन्होंने कहा कि वह जांच में सहयोग कर रहे हैं। उनके ऊपर लगाए गए सभी आरोप निराधार, तुच्छ और गलत इरादे से लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल मेरा यही बयान है। मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला तेलंगाना एसीबी द्वारा एचसीए के 20 करोड़ रुपये के घोटाले के संबंध में दर्ज तीन एफआईआर से संबंधित है। ऐसी ही एक एफआईआर एचसीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील कांत बोस की शिकायत पर दर्ज की गई थी।

अनियमितता का आरोप

दरअसल, ईडी ने पहले बयान में कहा था, ‘‘आरोपपत्र में हैदराबाद के उप्पल में बनाए गए राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम के लिए डीजल जेनरेटर, फायर इक्विपमेंट और छतरियों की खरीद में गंभीर अनियमितताओं के आरोप हैं।’’ वहीं पुलिस के आरोप पत्र के अनुसार, समय सीमा के बावजूद कई कार्यों में अत्यधिक देरी हुई, जिससे लागत और बजट में बढ़ोतरी होने से एचसीए को नुकसान हुआ। 

मिलीभगत का आरोप

एजेंसी ने आरोप लगाया है कि ऐसा पाया गया कि एचसीए के पदाधिकारियों ने लोगों के साथ मिलीभगत करके, उचित निविदा प्रक्रियाओं का पालन किए बिना और कई मामलों में ‘कोटेशन’ प्राप्त होने से पहले ही पसंदीदा ठेकेदारों को बाजार दरों से अधिक कीमत पर विभिन्न निविदाएं और कार्य आवंटित किए। इसने कहा कि इन पदाधिकारियों में एचसीए के तत्कालीन सचिव, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष तथा अन्य शामिल हैं। यह भी कहा गया कि कई ठेकेदारों को अग्रिम भुगतान किया गया, जबकि उन्होंने कोई काम ही नहीं किया था। 

जब्त किये गए रुपये

इस संबंध में प्रवर्तन निदेशालय ने एचसीए के पूर्व पदाधिकारियों के कई परिसरों पर छापेमारी भी की है। ईडी ने कहा था कि पिछले साल की गई छापेमारी में डिजिटल उपकरण, ‘‘अपराध साबित करने वाले’’ दस्तावेज और 10.39 लाख रुपये जब्त किए गए थे। जब्त किए गए रुपयों के लेनदेन के बारे में कोई हिसाब नहीं मिला था। 

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