भारतीय सेना लगातार अपने आप को अत्याधुनिक बनाने में लगी हुई है। इसी कड़ी में भारतीय सेना ने गुरुवार को ईस्टर्न फ्लीट कॉरिडोर का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया। भारतीय सेना के 'अभ्यास पूर्वी प्रहार' के तहत भारतीय सेना द्वारा लगातार ईस्टर्न फ्लीट कॉरिडोर का इस्तेमाल करते हुए बड़े पैमाने पर टैंक, तोप व अन्य बाकी सामानों को एक जगह से दूसरी जगह जल्द से जल्द पहुंचाने का काम किया गया। हमारे देश की दोनों सीमाओं पर एक तरफ पाकिस्तान तो एक तरफ चीन बैठा हुआ है। ऐसे में अगर कभी दुश्मन की चुनौती को देकते हुए सेना को तुरंत तैयार करना है तो इसके लिए भारतीय सेना कुछ ही घंटों में बॉर्डर और अपने डेब्ट इलाके से हथियारों को भेजने के लिए सक्षम है।
ईस्टर्न फ्लीट कॉरिडोर पर सेना का अभ्यास
इसलिए भारतीय रेल के ईस्टर्न फ्लीट कॉरिडोर को तैयार किया गया था और इसपर तोप, हथियार, गोला, बारूद और टैंकों को जल्द से जल्द फॉरवर्ड इलाकों तक इस अभ्यास के माध्यम में रिकॉर्ड टाइम में पहुंचाया गया। कुल मिला के 30 हजार से ज्यादा सेना के जवानों ने वायु सेना और नौसेना की कुछ यूनिटों के साथ मिलकर ये अभ्यास किया है। इसका मकसद है ज्वाइंट स्थिति का मुकाबला करना। भारतीय सेना के मुताबिक, ये एक रुटीन अभ्यास है, जिसके जरिए दिन और रात में भारतीय सेना की सक्षमता को दिखाया गया है।
तैयार है भारत
बता दें कि भारत की एक सीमा पर पाकिस्तान है तो दूसरी सीमा पर चीन बैठा हुआ है। ऐसे में देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार द्वारा लगातार इस दिशा में काम किया जा रहा है। बीआरओ द्वारा जम्मू-कश्मीर के दूर-दराज के इलाकों में सड़के बनाई जा रही हैं। वहीं नॉर्थ ईस्ट को भी इसी प्रकार से तैयार किया जा रहा है, जहां सड़कें और एयरपोर्ट लगातार बनाई जा रही हैं। इसका सीधा मकसद है कि आपातकालीन स्थिति या युद्ध की स्थिति में सेना व सेना से संबंधित सामानों, हथियारों और गोला-बारूद को एक स्थान से दूसरे स्थान तक आसानी से ले जाया जा सके।