गोड्डा
गोड्डा: गोड्डा समेत झारखंड के सात जिलों में माल जाति के लगभग 50,000 से अधिक लोगों को जाति प्रमाण पत्र न बनने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उन्हें सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. यह समस्या तब से उत्पन्न हुई है जब झारखंड में जाति प्रमाण पत्र ऑनलाइन जारी किए जाने लगे हैं. माल जाति, जो कि माल पहाड़िया समुदाय का एक हिस्सा मानी जाती है, के लिए सरकार की वेबसाइट में जाति का विकल्प उपलब्ध नहीं है. इस वजह से इन जिलों में बड़ी संख्या में लोगों का जाति प्रमाण पत्र वर्ष 1990 से जारी नहीं हो पाया है.
सरकारी योजनाओं का नहीं ले पा रहे लाभ
महेंद्र उरांव, जो गोड्डा के निवासी हैं, ने लोकल 18 को बताया कि वे वास्तव में माल पहाड़िया जाति के हैं, लेकिन खतियानी सर्वे के दौरान उनकी जाति को केवल “माल” कर दिया गया था. इसके चलते उन्हें माल पहाड़िया का दर्जा नहीं मिल पाया. अंग्रेजी किताबों और सामान्य ज्ञान की पुस्तकों में भी इस जाति का वर्णन मिलता है, लेकिन झारखंड सरकार इसे मान्यता नहीं दे रही है, जिससे इन लोगों का जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है.
पहड़िया जाति के लोगों को हो रही दिक्कत
देवघर के महेंद्र उरांव ने लोकल 18 को बताया कि जाति प्रमाण पत्र न होने के कारण उन्हें अबुआ आवास योजना जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. उनके बेटे समन उरांव, जिसने अपनी डिग्री पूरी कर ली है, जाति प्रमाण पत्र न होने के कारण नौकरी नहीं पा सका है.
महगामा अंचलाधिकारी खगेन महतो के अनुसार, यदि माल जाति को सरकारी सूची में माल पहाड़िया समुदाय की श्रेणी में रखा गया है, तो उनका जाति प्रमाण पत्र बन सकेगा. लेकिन जब तक सरकार अधिसूचना जारी नहीं करती, तब तक जाति प्रमाण पत्र बनना संभव नहीं है.
यह समस्या गोड्डा, पाकुड़, देवघर, दुमका, साहिबगंज, पूर्वी सिंहभूम और जामताड़ा के माल जाति के लोगों को प्रभावित कर रही है, और इनके अधिकारों और सरकारी लाभों तक पहुंच में बाधा बनी हुई है.
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FIRST PUBLISHED :
September 28, 2024, 10:35 IST