पकड़ुआ विवाह फाइल फोटो
बिहार में एक ऐसा विवाह हुआ था जिसकी चर्चा आज भी होती रहती है. एक बार बारात में साथ गए 5 लोगों को पकड़कर उनकी शादी करवा ...अधिक पढ़ें
- News18 Bihar
- Last Updated : November 15, 2024, 07:53 IST
बेगूसराय. पकड़ुआ ब्याह, बिहार और सिंह! 80/90 के दशक में बंदूक की नोक पर दूल्हे को अगवा कर उसकी शादी कर देने की प्रथा की शुरुआत को ही पकड़ुआ ब्याह नाम दिया गया था. यह विवाह बिहार को एक अलग ही नजरिया में देखने का चश्मा बन गया था. खासकर इसकी शुरुआत भूमिहार और राजपूत समुदाय में होने के कई प्रमाण मिले हैं. हालांकि, इसके बाद सभी जातियों में यह विवाह देखने को मिलने लगा.
साल 2024 में पकड़ुआ विवाह की वापसी भी देखने को मिली है. जहां राजस्व कर्मचारी, बीएससी शिक्षक, सहित कई सरकारी कर्मियों व ठेकेदार परिवार की लड़कों की बंदूक की नौंक पर शादी कर दी गई. ऐसे में माना जा रहा है कि इसकी वापसी हो रही है? लेकिन आज हम जो कहानी आपको दिखाने जा रहे हैं, यह बिहार का पहला पकड़ुआ ब्याह है. जिसकी चर्चा हर बिहारी के जुबान पर है. आज इस विवाह की चर्चा को लेकर रील बनाते ही वायरल हर शख्स हो जाता है. तो आप भी मिलिए पकड़ुआ ब्याह विलेज से..
बंदूक की नौंक पर कर दी गई थी शादियां
साल 1989, बिहार के समस्तीपुर जिले के रोसरा अनुमंडल के साहियार डीह के निजी शिक्षक मनोज कुमार सिंह की बारात बेगूसराय के सिमरिया के लिए निकलती है. जब बारात गंतव्य स्थान पर पहुंच जाती है तो शारतियों के द्वारा बारात में से कई लड़कों को पकड़ते हैं. जिसमें से 5 लड़कों की बंदूक की नोक पर शादी कर दी जाती है. अगले दिन जब अपने गांव बाराती लौटते हैं तो एक दुल्हन को लाने गई बारातियों के साथ पांच दुल्हन को देखकर गांव वाले कुछ समझ नहीं पाते हैं. फिर बताया जाता है 5 बारातियों की शादी कर दी गई है. इस प्रकार 90 के दशक में हुई इस शादी को पकड़ुआ विवाह नाम दिया गया. तबसे इस गांव को पकड़ुआ विवाह विलेज भी कहा जाने लगा. जो आज भी चर्चा में है.
जिसकी हुई थी शादी सबकी बदल गई तकदीर
गांव वालों की मानें तो जिसकी शादियां हुई थी सबकी तकदीर बदल गई. लोकल 18 ने बिहार के सबसे पहले हुए पकड़ुआ विवाह वाले गांव की 30 साल बाद पड़ताल की. इस दौरान बाराती रहे सुबोध कुमार सिंह ने बताया कोई लड़का पढ़ाई कर रहा था तो कोई कुछ भी नहीं, लेकिन इस शादी के बाद सभी पांच दूल्हा की नौकरी लग गई . जिसमें से एक दूल्हा राजीव सिंह, दूसरा दूल्हा डॉ.सुशील कुमार सिंह थे जिनका इसी साल निधन हो गया. तीसरा दूल्हा धर्मेंद्र कुमार सिंह थे जबकि चौथा दूल्हा सरोज कुमार सिंह रहें. जबकि 5वें दूल्हे का नाम न दिखाने की गांव वालों ने विनती की. इस वजह से हम नहीं बता सकते हैं. सौ बात की एक बात की.. एक दुल्हन को लाने गए बाराती पांच दुल्हन के साथ गांव लौटे थे. आज सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा वायरल रील में यह कहानी पहले स्थान पर है.
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FIRST PUBLISHED :
November 15, 2024, 07:53 IST