कभी सोने-चांदी का खजाना थी ये जगह, माता के अभिशाप से नमक झील हो गई तब्दील

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एक तरफ खारी झील दूसरी तरफ है मीठा पानी 

काजल मनोहर/जयपुर. सांभर राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है. इस शहर को साल्ट लेक सिटी के नाम से भी जाना जाता है. यह शहर जयपुर से 65 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. यहां पर स्थित सांभर झील नमक के उत्पादन का एक प्रमुख केंद्र है. सांभर झील में सालभर विदेशी पक्षियों का जमावड़ा लगा रहता है. पक्षी प्रेमियों के लिए भी यह एक बेहतरीन जगह है. इसके अलावा बॉलीवुड और हॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग भी यहां पर होती है.

सांभर झील का उल्लेख पौराणिक महाकाव्य ‘महाभारत’ में भी मिलता है. देवयानी तीर्थ सरोवर के मुख्य पुजारी हरिप्रसाद शर्मा ने बताया कि सांभर क्षेत्र पर बृषपर्व (लवणासुर) नामक एक राक्षस का अधिकार था. यहां पर शाकंभरी माता का भी मंदिर था, जिनकी पूजा अर्चना होती थी. भक्ति भाव से प्रसन्न होकर जिनसे खुश शाकंभरी माता ने सांभर के अधिकांश क्षेत्र को सोना चांदी में परिवर्तित कर दिया.

इसके बाद सांभर क्षेत्र के लोग सोना चांदी के लिए आपस में लड़ने लग गए. ऐसा होने पर लोगों ने माता से अपना वरदान वापस लेने की पेशकश की तो उन्होंने अपने वरदान को वापस ले लिया और अभिशाप दे दिया कि सोना चांदी में परिवर्तित की गई संपूर्ण जगह नमक झील में परिवर्तित हो जाएगी. लोक मान्यताओं के अनुसार तभी से सांभर सांभर झील ऐसे ही है.

एक तरफ खारी झील दूसरी तरफ है मीठा पानी
सांभर में प्रकृति का बेजोड़ नमूना भी देखने को मिलता है. यहां एक तरफ नमक का खारा समुद्र पसरा पड़ा है वहीं दूसरी तरफ सड़क के 50मी की दूरी पर देवयानी सरोवर में मीठा पानी है. यहां के मीठे पानी में कमल के फूल भी मिलते हैं. यहां घूमने आने वाले पर्यटक इसको देखकर हैरान हो जाते हैं.

सांभर झील पर्यटन का मुख्य केंद्र
सांभर झील नमकीन पानी/नमक के उत्पादन के लिए जानी जाती है और यहां देश की सबसे बड़ी नमक निर्माण इकाइयों में से एक है. इस इकाई के अलावा, पर्यटक प्रसिद्ध ‘शाकम्भरी देवी’ मंदिर की झलक पाने और पक्षियों को देखने के लिए भी सांभर झील में आते हैं. सांभर झील में फ्लेमिंगो, पेलिकन और जलपक्षी आम तौर पर देखे जाते हैं.

Tags: Jaipur news, Local18, Rajasthan news

FIRST PUBLISHED :

October 2, 2024, 13:35 IST

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