Last Updated:January 21, 2025, 17:49 IST
Karauli News: 9 साल की धानवी माता पिता से दूर रहकर घुड़सवारी सीख रही हैं. आपको बता दें, कि धानवी की घुड़सवारी के कई आईएएस, आईपीएस भी फैन हैं, इतना ही नहीं राजस्थान के सिंघम आईपीएस मृदुल कच्छावा तो धानवी की घुड़स...और पढ़ें
करौली की नन्ही घुड़सवार
करौली:- जिस उम्र में बच्चे अपने माता-पिता के साथ रहते हैं, उस उम्र में करौली की एक 9 साल की बच्ची माता पिता से दूर रहकर घुड़सवारी सीख रही है. इस बच्ची का कहना है, कि हमें कभी भी डरना नहीं चाहिए, अगर हम डर गए तो कभी आगे नहीं बढ़ पाएंगे. दरअसल हम बात कर रहे हैं, करौली की 9 साल की बेटी घुड़सवार धानवी सिंह की, जो 2 साल से अपनी नानी के यहां, जयपुर में रहकर घुड़सवारी जैसे खतरनाक खेल में हर रोज कुछ नया सीख रही हैं.
9 साल की उम्र में ही करौली की इस नन्ही सी बेटी ने घुड़सवारी में सात मेडल जीत लिए हैं. छोटी सी उम्र में ही धानवी ने घोड़े की लगाम को बस में रखना कुछ ऐसे सीखा है, कि बड़े-बड़े लोग भी धानवी की घुड़सवारी को देखकर हैरान रह जाते हैं. धानवी की घुड़सवारी के कई आईएएस आईपीएस भी फैन हैं. राजस्थान के सिंघम आईपीएस मृदुल कच्छावा भी धानवी की घुड़सवारी की कई बार तारीफ कर चुके हैं.
पापा को देखकर लगा घुड़सवारी का शौक
लोकल 18 से खास बातचीत में धानवी ने बताया, कि उन्हें घुड़सवारी का शौक कहीं और से नहीं अपने पिता से लगा है. जब वह छोटी थीं तब उनके पिता भी कभी कभी घुड़सवारी किया करते थे, जिसके बाद करौली की इस बेटी ने घुड़सवारी जैसे खतरनाक खेल में ही अपना भविष्य चुन लिया है.
2 साल पहले शुरू की थी घुड़सवारी
धानवी बताती हैं, कि 2 साल पहले ही उन्होंने हॉर्स राइडिंग शुरू की है. वहीं छोटी सी उम्र में घोड़े की लगाम को अच्छी तरह से बस में रखने वाले सवाल पर उन्होंने कहा कि इस खेल में घोड़े की लगाम तो एक नॉर्मल चीज है, लेकिन इस खेल में घोड़े पर बैठने से पहले हमें यह याद रखना है, कि हमें कभी डरना नहीं है. चाहे घोड़ा कुछ भी कर ले, हम गिर भी जाए फिर भी डरना नहीं है.
धानवी का सपना गोल्ड जीतना है
आपको बता दें, कि 9 साल की धानवी ने अब तक जयपुर में आयोजित होने वाली घुड़सवारी की 61 कैवलरी की राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में सात मेडल अपने नाम किए हैं. जिसमें तीन ब्रॉन्ज और चार सिल्वर मेडल हैं. आगे उनका घुड़सवारी की नेशनल प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतना अगला लक्ष्य है. धानवी ने बताया, कि उनका सपना हॉर्स राइडिंग में देश के लिए ओलंपिक गेम्स में गोल्ड जीतकर ओलंपिक मेडलिस्ट बनना है.
रोजाना 2 घंटे करती हैं प्रैक्टिस
घुड़सवारी के साथ ही धानवी अपनी पढ़ाई कर रही हैं. वह अभी 4th क्लास में हैं. धानवी अपनी घुड़सवारी की ट्रेनिंग और पढ़ाई जयपुर से कर रही हैं. उनका कहना है, कि वह रोजाना जयपुर की शेखावाटी हॉर्स राइडिंग एकेडमी में सुबह 5:00 से 7 बजे तक 2 घंटे प्रैक्टिस करती हैं, और उनके कोच का नाम मदन सिंह शेखावत है.
Location :
Karauli,Rajasthan
First Published :
January 21, 2025, 17:49 IST