Last Updated:January 22, 2025, 05:01 IST
डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालने के बाद पूरी दुनिया में बेचैनी तो है ही, लेकिन सबसे ज्यादा दहशत में बांग्लादेश है. क्योंकि अगर ट्रंप ने टैरिफ लगाने का फैसला कर लिया तो बांग्लादेश की गारमेंट इंडस्ट्री क...और पढ़ें
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ लेते ही कुछ ऐसे फैसले लिए हैं, जिनका असर चीन-पाकिस्तान समेत पूरी दुनिया पर पड़ने वाला है. लेकिन अगर इंपोर्ट पर टैरिफ लगाने वाली बात सही से लागू हो गई तो बांग्लादेश की रीढ़ टूट जाएगी. वहां की फैक्टरियों पर ताले पड़ जाएंगे. क्योंकि जिस गारमेंट इंडस्ट्री की बदौलत बांग्लादेश अरबों की कमाई कर रहा है, उसकी गर्दन मरोड़ने की तैयारी है. लेकिन क्या यह भारत के लिए बड़ा मौका हो सकता है.
ट्रंप ने ऐलान किया है कि वे अमेरिका को समृद्ध बनाने के लिए दूसरे देशों पर टैरिफ और टैक्स लगाएंगे. डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने इस ऐलान से बांग्लादेश बुरी तरह डरा हुआ है. क्योंकि यहां की कपड़ा और गारमेंट इंडस्ट्री के लिए अमेरिका सबसे बड़ा बाजार है. बांग्लादेश की पूरी इकोनॉमी अमेरिका पर काफी हद तक निर्भर है. इसलिए ट्रंप के ऐलान करते ही यहां की फैक्टरियों में हलचल तेज हो गई. बातें शुरू हो गईं कि कहीं फैक्टरियां बंद तो नहीं होने वाली हैं. फैक्टरी यूनियन प्लानिंग बनाने में जुट गए हैं. यूनुस सरकार भी इसे लेकर काफी टेंशन में है.
बांग्लादेश कितना निर्भर
oec.world की रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में बांग्लादेश ने अमेरिका को 11.7 बिलियन डॉलर यानी एक लाख करोड़ से ज्यादा का एक्सपोर्ट किया था. इसमें 13000 करोड़ के सूट के कपड़े, 28 हजार करोड़ का बुना हुआ स्वेटर शामिल थे. पिछले पांच सालों में बांग्लादेश से अमेरिका को एक्सपोर्ट हर साल 15 फीसदी की दर से बढ़ा है. 2017 में बांग्लादेश जहां 5.84 बिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट करता था, वहीं 2022 में यह बढ़कर 11.7 बिलियन डॉलर हो गया है. जबकि अमेरिका बांग्लादेश को सिर्फ 2.76 बिलियन डॉलर के प्रोडक्ट एक्सपोर्ट करता है. इसमें स्क्रैप आयरन, वैक्सीन, ब्लड, एंटीसेरा, टॉक्सिन और कच्चा कपास शामिल हैं.
धन देने पर भी लगाई रोक
ट्रंप ने ये भी ऐलान किया है कि अमेरिका अब किसी देश को पैसा नहीं देगा. उन्होंने अमेरिका की ओर से दिए जाए वो एड पर 90 दिनों के लिए रोक लगा दी है. बांग्लादेश और पाकिस्तान को भी अमेरिका की ओर से अच्छा खासा पैसा दिया जाता है. ये पैसा कई कार्यक्रमों के माध्यम से खर्च किया जाता है. ट्रंप के इस फैसले का सीधा असर होना तय है. हालांकि, अमेरिका से आर्थिक लाभ लेने वालों में इजरायल सबसे आगे है. उसे हर साल 3.3 बिलियन डॉलर मिलता है. जबकि मिस्र को 1.5 बिलियन डॉलर और जॉर्डन को 1.7 बिलियन डॉलर दिए जाते हैं. इन देशों के साथ अमेरिका का एक खास एग्रीमेंट है. इसलिए इनके एड में कटौती करना संभव नहीं है.
First Published :
January 22, 2025, 05:01 IST