Last Updated:January 22, 2025, 09:53 IST
तालिबान और पाकिस्तान के रिश्ते बिगड़ते जा रहे हैं. तालिबान ने महिलाओं को जासूस बनाने का फैसला किया है ताकि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाकिस्तानी सेना से मुकाबला किया जा सके.
अफगानिस्तान की तालिबान सरकार और पाकिस्तान के रिश्ते लगातार खराब होते जा रहे हैं. बीते दिनों इन दोनों के बीच सीधी जंग जैसे हालात थे. तालिबान ने पाकिस्तान के कई चौकियों पर हमला कर उसको अपने कब्जे में ले लिया. इन संघर्षों में कई लोगों की मौत हुई. अब तालिबान पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है. इसके लिए उसने अपना चेहरा तक बदलने का फैसला कर लिया है. ऐसे में पाकिस्तान की हालत खराब होना लाजिमी है.
दरअसल, अफगान तालिबान वैसे तो महिलाओं की शिक्षा से परहेज करता है. वह उनको घरों की चाहरदीवारी में कैद रखना चाहता है, लेकिन पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाकिस्तानी सेना से मिल रही चुनौती के बाद उनसे अपनी रणनीति बदल दी है. तालिबान ने महिलाओं से जासूसी कराने का फैसला किया है. अफगान तालिबान का इंटेलिजेंस विभाग महिला जासूसों की भर्ती करेगा. ऐसा कहा जा रहा है कि महिला जासूस, पुरुष कर्मियों से ज्यादा सक्षम होती हैं. ऐसे में जल्द ही तालिबान की विषकन्या जासूस सामने आएंगी.
अहम बैठक में फैसला
तालिबान को अब उसके विरोधियों के बारे में सूचनाएं मिलनी कम हो गई है. ऐसे में तालिबान प्रशासन परेशान है कि सूचनाएं कहां से आए. यह स्थिति तब उत्पन्न हुई है जब पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी और पाकिस्तानी फौज तालिबान के विरोधी आतंकवादी सगठनों को पूरी तरह से मदद मुहैया करा रही है. आतंकवादी संगठनों की लगातार बढ़ती गतिविधियों और उनके द्वारा किए जाने वाले आतंकवादी कार्यों को लेकर अफगान तालिबान के आला अधिकारियों की एक बैठक हुई.
इस बैठक में स्पष्ट तौर पर कहा गया कि अफगानिस्तान की जनरल डायरेक्टेड इंटेलिजेंस से जो सूचनाएं मिलनी चाहिए थी वे सूचनाएं समय पर उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं. इसके चलते तालिबान के बड़े अधिकारियों-नेताओं पर हमले हो रहे हैं. उधर आतंकवादी संगठनों ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसिंयों की मदद से तालिबान के मंत्रालय तक में अपनी घुसपैठ बना ली है. इसी घुसपैठ के चलते पिछले दिनों तालिबान के बड़े मंत्री को मंत्रालय में घुसकर उड़ा दिया गया था.
गरीब महिलाओं पर नजर
बैठक में कहा गया कि अब तालिबान की जनरल डायरेक्टेड इंटेलिजेंस में महिला जासूसों और महिला एजेंटों की भर्ती बढ़ा दी जाए. बैठक में कहा गया कि महिला जासूसों पर आतंकवादी संगठनों को जल्दी से शक भी नहीं होगा. क्योंकि तालिबान को महिलाओं का विरोधी बताया जाता है. बैठक में कहा गया कि इसके लिए गरीब घरों की पढ़ी-लिखी महिलाओं और लड़कियों का यूज किया जाए. इसके पीछे कारण यह दिया गया कि कोई बात होने पर तालिबान प्रशासन स्पष्ट तौर से इनकार भी कर देगा कि उसका इन लोगों से कोई लेना-देना नहीं है. साथ ही गरीब होने के कारण परिवार भी अपनी आवाज उठा भी नहीं पाएंगे. तालिबान के जनरल डायरेक्टेड इंटेलिजेंस ने इस बाबत बाकायदा एक नोट भी जारी कर दिया है. यानी तालिबान को गुड तो खाना है लेकिन गुलगुलों से परहेज है.
First Published :
January 22, 2025, 09:53 IST