Agency:News18 Madhya Pradesh
Last Updated:January 22, 2025, 11:55 IST
Paan ki Kheti Mein Nuksan: छतरपुर जिले में बढ़ती ठंड और कोहरे ने पान की खेती करने वाले किसानों के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं. किसानों ने फसल को बचाने के लिए अपने स्तर पर कई उपाय किए हैं, लेकिन उन्हें सरक...और पढ़ें
किसान लेखराम चौरसिया
Desi Paan Ki Kheti:छतरपुर जिले में बड़े पैमाने पर पान की खेती होती है, खासकर महाराजपुर और गढ़ीमलहरा क्षेत्रों में. लेकिन इन दिनों बढ़ती ठंड और कोहरे के कारण पान की फसल को भारी नुकसान हो रहा है. किसान लेखराम चौरसिया ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि तापमान में गिरावट और शीतलहर के चलते पान की पत्तियां खराब हो रही हैं, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.
कोहरे से पान को कैसे हो रहा नुकसान?
सुबह और रात के समय छाए घने कोहरे की ठंडी वाष्प सीधे पान की पत्तियों पर गिरती है. ठंड और नमी के कारण पत्तियां गलकर काली हो जाती हैं. खराब पत्तियां सूख जाती हैं, जिससे फसल की गुणवत्ता और बाजार में मांग कम हो जाती है. किसानों का कहना है कि देसी पान की किस्म ठंड को सहन नहीं कर पाती. ठंड और कोहरे में यह जल्दी खराब हो जाता है, जबकि अन्य किस्मों की तुलना में इसे बचाना मुश्किल होता है.
किसानों के बचाव के उपाय
किसानों ने अपनी फसल को बचाने के लिए कई उपाय किए हैं:
दवाइयों का छिड़काव:
पत्तियों को खराब होने से बचाने के लिए किसान नियमित रूप से दवाइयों का छिड़काव कर रहे हैं.
साड़ी या छाया का उपयोग:
किसानों ने फसल के ऊपर साड़ी या छाया का प्रबंध किया है.इससे ठंडा पानी और कोहरे की वाष्प सीधे पत्तियों पर नहीं गिरती.इस उपाय से फसल का 70-80% तक बचाव हो रहा है.
किसानों की समस्या
किसानों का कहना है कि ठंड के मौसम में पान की खेती करना बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है.फसल को बचाने के लिए अधिक खर्च करना पड़ता है, जिससे उत्पादन लागत बढ़ जाती है.खराब मौसम के कारण बाजार में पान की आपूर्ति घट रही है, जिससे मांग तो बनी रहती है, लेकिन आपूर्ति की कमी से किसानों को उचित दाम नहीं मिल पाते. पान की खेती से जुड़ी इस समस्या का सीधा असर किसानों की आय पर पड़ रहा है. देसी पान की खराब होती फसल के कारण किसान नुकसान झेल रहे हैं.
Location :
Chhatarpur,Madhya Pradesh
First Published :
January 22, 2025, 11:55 IST
कोहरे की मार से किसान परेशान...पान की फसल हुई बर्बाद, नहीं मिलेगा कोई भाव