लाल सागर में अब नहीं बहेगा खून, हूती विद्रोहियों ने जहाजों पर हमले रोके

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Last Updated:January 22, 2025, 11:59 IST

Red Sea Houthi: यमन के हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में हमले रोकने का ऐलान कर दिया है. हूती विद्रोहियों को ईरान से समर्थन मिलता है. इजरायल-हमास के बीच सीजफायर के फैसले के बाद हूती विद्रोहियों ने यह ऐलान किया है...और पढ़ें

लाल सागर में अब नहीं बहेगा खून, हूती विद्रोहियों ने जहाजों पर हमले रोके

यमन के हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में जहाजों पर हमले रोके. (reuters)

हाइलाइट्स

  • लाल सागर में अब शांति होती दिख रही है
  • हूती विद्रोहियों ने हमला रोकने का फैसला किया है
  • इजरायली कंपनी के जहाजों पर अभी भी खतरा होगा

सना: अमेरिका में सरकार बदलते ही मिडिल ईस्ट में शांति होती दिख रही है. इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम समझौते के बाद अब यमन के हूती विद्रोहियों ने भी लाल सागर में शांति का ऐलान कर दिया है. यमन के हूती विद्रोहियों को ईरान से समर्थन मिलता है. दुनिया के लिए यह एक महत्वपूर्ण व्यापारिक मार्ग है. हूती विद्रोहियों की ओर से हमला बंद करने का ऐलान करने के बाद लाल सागर में जहाजों के लिए खतरा कम हो जाएगा. फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक हूती विद्रोहियों जहाज मालिकों, बीमा कंपनियों और प्राधिकरणों को बताया है कि वे जहाजों पर अपने प्रतिबंध हटा रहे हैं. लेकिन जो जहाज इजरायल में पंजीकृत हैं या जिनके ऊपर इजरायली संस्थाओं का स्वामित्व है उन्हें अभी भी खतरा रहेगा.

इजरायल-हमास युद्ध के दौरान फिलिस्तीनियों का समर्थन करने के लिए हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में जहाजों को निशाना बनाना शुरू कर दिया. हूती विद्रोही इजरायल या इजरायली कंपनियों के स्वामित्व वाले जहाजों, अमेरिका और यूके के जहाजों को निशाना बनाते थे. जवाब में कई बार हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर भी बम बरसाए गए हैं. अदन की खाड़ी से लाल सागर में जाने के मुहाने बाब अल-मंडेब जलडमरूमध्य पर यह हूती विद्रोही बैठे हैं. हाल ही में इजरायल और अमेरिका ने हूतियों पर हमले किए, जिससे जहाजों पर अटैक कम हुए हैं. लेकिन जहाजों के मालिक अभी भी अलर्ट हैं.

लाल सागर से गुजरेंगे जहाज?
2023 में जब हूतियों ने जहाजों को निशाना बनाना शुरू किया तो एशिया और यूरोप के बीच शिपिंग लागत बढ़ गई. ऐसा इसलिए क्योंकि जहाजों को तब लाल सागर की जगह अफ्रीका के चारों ओर से घूम कर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा. इससे समय और जहाजों की संख्या में कमी देखी गई. हालांकि एक्स्पर्ट्स मानते हैं कि यह घोषणा लाल सागर में खतरे को सिर्फ आंशिक रूप से खत्म करती है, जिसका मतलब है कि अभी भी लाल सागर में बड़ी संख्या में जहाज देखने को नहीं मिलने वाले

हूती दे रहे सीधी धमकी
उद्योग निकाय बिम्को में समुद्री सुरक्षा और सुरक्षा के प्रमुख जैकब लार्सन ने कहा कि इजरायल और हमास का युद्धविराम अभी भी नाजुक माना जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘युद्धविराम समझौते में किसी भी तरह की दिक्कत आती है तो फिर से लाल सागर में खतरा बढ़ सकता है. डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका में राष्ट्रपति बनने के बाद अनिश्चितता और बढ़ गई है’ हूतियों ने चेतावनी दी है कि इजरायल, अमेरिका या ब्रिटेन की ओर से किसी भी तरह का हमला करने पर फिर से उस देश के जहाजों पर हमले होंगे.

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New Delhi,New Delhi,Delhi

First Published :

January 22, 2025, 11:59 IST

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