नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 11 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर बड़ा मास्टर स्ट्रोक खेल दिया है. इस लिस्ट में बीजेपी और कांग्रेस से आए कई दिगग्ज जैसे अनिल झा, सोमेश शौकीन, वीर सिंह धींगान और ब्रह्म सिंह तंवर जैसे नेताओं को टिकट दिया गया है. ये सारे नेता अभी कुछ दिन पहले ही ‘आप’ में शामिल हुए हैं. दिल्ली के पूर्व सीएम और ‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल ने 11 से 70 विधानसभा सीटों की रणनीति का भी खुलासा कर दिया है. इस लिस्ट के जरिये केजरीवाल ने ये भी बताने की कोशिश की है कि अगर दूसरी पार्टियों के जिताऊ कैंडिडेट यानी ‘बोरो प्लेयर’ भी पार्टी में आते हैं त उसे टिकट देने से गुरेज नहीं करेंगे.
राजनीतिक गलियारे में इस बात की भी चर्चा जोड़ पकड़ने लगी है कि 23 नवंबर के बाद केजरीवाल एक और बड़ा धमाका कर सकते हैं. कहा जा रहा है कि केजरीवाल की नजर बीजेपी और कांग्रेस के जीतने वाले कैंडिडेट पर है. क्योंकि, केजरीवाल ने जिन 11 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की है, उसमें 40 से 50 प्रतिशत कैंडिडेट अभी कुछ दिन पहले ही आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे.
अरविंद केजरीवाल लगाएंगे हैट्रिक या होंगे क्लीन बोल्ड?
ऐसे में अरविंद केजरीवाल महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव के परिणाम आने के बाद अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव कर सकते हैं. अरविंद केजरीवाल अभी महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे का इंतजार कर रहे हैं. इसके साथ ही अरविंद केजरीवाल को यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणामों का भी इंतजार है.
आम आदमी ने 11 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है.
AAP की क्या है तैयारी?
आप सूत्रों की मानें तो महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव में बीजेपी अगर जीतती है तो अरविंद केजरीवाल नए प्लान पर काम करना शुरू कर देंगे. वहीं, अगर बीजेपी हारती है तो फिर केजरीवाल दूसरे प्लान पर काम करना शुरू कर देंगे. दिल्ली में बीजेपी के चक्रव्यूह रचने से पहले ही केजरीवाल ने उसे भेदना शुरू कर दिया है. दिल्ली में आम आदमी पार्टी की 11 उम्मीदवारों की पहली सूची इसी की झलक है.
अरविंद केजरीवाल को किस बात का है डर?
हालांकि, अरविंद केजरीवाल को ये डर भी सता रहा है कि अगर बीजेपी यूपी के योगी मॉडल पर दिल्ली में चुनाव लड़ती है तो मुस्लिम वोटबैंक इधर-उधर हो सकता है. क्योंकि, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की दिल्ली विधानसभा चुनाव में साथ लड़ने की सारी संभावनाएं खत्म हो गई हैं. ऐसे में दिल्ली की एक दर्जन मुस्लिम बहुल सीटों पर कांग्रेस भी आम आदमी पार्टी का खेल बिगाड़ सकती है. रही सही कसर सपा और बीएसपी पूरा कर देगी. एसपी पूर्वी दिल्ली खासकर यूपी से सटे कई विधानसभा सीटों पर अपनी दमदार उपस्थिति इस बार दर्ज करा सकती है.
अरविंद केजरीवाल अब राजनीति के चतुर और चालाक खिलाड़ी हो गए हैं. ऐसे में अरविंद केजरीवाल की सारी रणनीति महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव के परिणाम पर टिकी है. क्योंकि, अगर दोनों राज्यों में बीजेपी जीतती है तो अरविंद केजरीवाल पर मनोवैज्ञानिक दवाब होगा कि वह इंडिया गठबंधन के बैनर तले चुनाव लड़ें. अगर इंडिया गठबंधन बैनर तले चुनाव लड़ेंगे तो उनको कम से कम आधी सीटें या फिर 20 सीटें तो जरूर अपने सहयोगी दलों को देनी पड़ सकती है.
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FIRST PUBLISHED :
November 21, 2024, 14:52 IST