नई दिल्ली के एक लेखक, मनोज अरोड़ा ने गुरुग्राम में कैफे कॉफी डे (CCD) आउटलेट में अपना "निराशाजनक" अनुभव साझा किया. उनकी पोस्ट, जो तब से एक्स पर वायरल हो गई है, कॉफी का आनंद लेने और अपनी किताब पर काम करने की कोशिश के दौरान उन्हें मिली निराशाजनक सर्विस का विवरण देती है.
अरोड़ा 24 नवंबर को अपनी बेटी की कैट परीक्षा पूरी होने का इंतजार करते हुए कैफे गए थे. एंट्री करते ही उन्हें वहां बुरी गंध आई, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने रुकने का फैसला किया. अनुभव तब और खराब हो गया जब उन्होंने एक छोटी कैप्पुचिनो का ऑर्डर दिया लेकिन उन्हें सूचित किया गया कि कर्मचारी केवल टेकअवे कप में बड़ी कॉफी ही सर्व सकते हैं. बर्तन धुले नहीं, इसलिए सिरेमिक कप में कॉफी देने से इनकार कर दिया गया, और यहां तक कि एक अमेरिकानो भी इसी कारण से नहीं दी जा सकती थी.
अरोड़ा ने कहा, “आज अपनी बेटी को CAT परीक्षा के लिए छोड़ने गुड़गांव आया हूं. मेरे पास 2 घंटे थे, इसलिए मैंने कॉफी के साथ आराम करने और अपनी आगामी किताब लिखना जारी रखने के बारे में सोचा. नीचे सीसीडी आउटलेट में जाकर बैठा, जो कैट सेंटर से लगभग 5 मिनट की ड्राइव पर था. जैसे ही मैं इसमें घुसा तो हर तरफ फंगस की गंध आ रही थी. मैंने कोई शिकायत नहीं की.''
उन्होंने आगे कहा, “मैंने एक छोटी कैप्पुचिनो मांगी. कर्मचारियों ने कहा कि वे छोटी कैप्पुचिनो नहीं दे सकते क्योंकि उनके पास केवल बड़े आकार के कप ही हैं. लेकिन मैं बड़ा वाला नहीं लेना चाहता था. मैंने कहा, मुझे कोई सामान ले जाना नहीं है, मैं इसे यहीं ले लूँगा. कृपया मुझे एक चीनी मिट्टी का कप दीजिए. कर्मचारियों ने स्पष्ट किया कि वे सिरेमिक कप नहीं दे सकते क्योंकि पानी नहीं है और वे गंदे हैं. मैंने कहा फिर इसे जाने दो.''
Came to Gurgaon contiguous to driblet my girl for her CAT exam.
I had 2 hours with me, truthful I thought of relaxing with a java and proceed penning my upcoming book.
Dropped into the beneath CCD outlet that was astir 5 minutes thrust from the CAT center.
As soon arsenic I entered it, there… pic.twitter.com/Qh5ahNS28q
विकल्प खोजने के कई प्रयासों के बाद, अरोड़ा ने बिना मन के एक्स्ट्रा 100 रुपये खर्च करके एक बड़ी कैप्पुचिनो खरीदी.
उन्होंने कहा, “अगर आपके कप गंदे हैं तो मुझे एक अमेरिकानो दीजिए. स्टाफ ने फिर सफाई दी कि गिलास भी गंदे हैं, इसलिए यह भी संभव नहीं है. आखिरी कोशिश करते हुए मैंने पूछा, क्या आप मुझे अपने बड़े कप में मेरी छोटी या मीडियम कैप्पुचिनो दे सकते हैं. उन्होंने यह कहकर मना कर दिया कि कप गिने जाते हैं. निराश होकर, मैंने पूछा, 'आप मुझे क्या दे सकते हैं?' 'हम आपको केवल बड़ी कॉफी दे सकते हैं और वह भी केवल साथ ले जाने पर."
परेशान होकर, उन्होंने सीसीडी को टैग करते हुए अपनी पोस्ट समाप्त की, जिसमें कहा गया: "सीसीडी खत्म हो रहा है!" अपने पोस्ट में अरोड़ा ने बिल के साथ-साथ उस कॉफी के कप की तस्वीर भी साझा की जो उन्होंने आउटलेट पर पी थी. इसके तुरंत बाद, कैफे कॉफी डे ने मनोज की अब वायरल हो रही पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा: “अरे मनोज, यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है. हम यह सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय करते हैं कि आपका अनुभव अच्छा रहे. कृपया अपना संपर्क नंबर डीएम के माध्यम से साझा करें ताकि हमारी टीम जांच कर सके और आपसे जुड़ सके.
बता दें कि आईटी कार्यकारी से लेखक बने मनोज अरोड़ा ने फ्रॉम द रैट रेस टू फाइनेंशियल फ्रीडम और हैप्पीनेस अनलिमिटेड जैसी किताबें लिखी हैं.