Last Updated:January 29, 2025, 11:24 IST
DeepSeek Data Privacy- डीपसीक (DeepSeek) ने दुनिया में खलबली मचा रखी है. इस चाइनीज चैटबॉट ने दिग्गज टेक कंपनियों को पसीना ला दिया है. डीपसीक यूज करना सुरक्षित है या नहीं, इस पर अब बहस छिड़ गई है.
हाइलाइट्स
- डीपसीक चैटजीपीटी का विकल्प है.
- यह तेजी से लोकप्रिय हो रहा है.
- डेटा सुरक्षा को लेकर चिंता जताई जा रही है.
नई दिल्ली. चीन के एआई मॉडल DeepSeek ने विश्व में तहलका मचा दिया है. अमेरिका में ऐपल ऐप स्टोर पर यह सबसे अधिक डाउनलोड किया जाने वाला मुफ्त ऐप बन गया है. DeepSeek चैटजीपीटी (ChatGPT) को कड़ी टक्कर दे रहा है. वहीं, इसकी डेटा गोपनीयता और संभावित दुरुपयोग को लेकर गंभीर चिंताएं उठ रही हैं. कई प्रमुख एआई विशेषज्ञों ने उपयोगकर्ताओं को इस चैटबॉट का सावधानीपूर्वक इस्तेमाल करने और संवेदनशील जानकारी साझा करने से बचने की सलाह दी है. उनका मानना है कि डीपसीक में दर्ज किया गया डेटा चीनी सरकार की पहुंच में हो सकता है, जिससे यूजर्स की निजी जानकारी खतरे में पड़ सकती है.
विशेषज्ञों का कहना है कि DeepSeek की सफलता यह दर्शाती है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का विकास तेजी से हो रहा है और यह भविष्य में और अधिक प्रभावशाली भूमिका निभाएगा. इसलिए यह जरूरी है कि सरकारें एआई के उपयोग को नियंत्रित करने और उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता की रक्षा करने के लिए सख्त नियम बनाए. सरकारों और नियामक एजेंसियों को ऐसा ढांचा बनाना होगा जिससे एआई तकनीक का उपयोग पारदर्शी और सुरक्षित तरीके से हो ताकि उपयोगकर्ताओं की निजता और सुरक्षा बनी रहे.
डेटा चोरी का खतरा
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में एआई के प्रोफेसर माइकल वूलड्रिज ने उपयोगकर्ताओं को चेतावनी दी कि वे इस चैटबॉट में संवेदनशील डेटा दर्ज न करें. गार्जियन की एक रिपोर्ट के अनुसार वूलड्रिज ने कहा “मुझे लगता है कि इसे डाउनलोड करना और लिवरपूल फुटबॉल क्लब के प्रदर्शन या रोमन साम्राज्य के इतिहास पर चर्चा करना ठीक है.” है लेकिन, क्या मैं इसमें कोई संवेदनशील, व्यक्तिगत या गोपनीय जानकारी डालने की सिफारिश करूंगा. बिल्कुल नहीं… क्योंकि आपको नहीं पता कि डेटा कहां जाता है.”
संयुक्त राष्ट्र की एआई सलाहकार डेम वेंडी हॉल ने DeepSeek के संभावित खतरों को उजागर करते हुए कहा, “यदि आप एक चाइनीज टेक कंपनी हैं और सूचना से संबंधित कार्य कर रहे हैं, तो आप चीनी सरकार के नियमों के अधीन हैं. कंपनियां सरकार के साथ जानकारियां सांझा करने के लिए बाध्य हैं.” DeepSeek जैसी कंपनियों को चीनी सरकार के निर्देशों का पालन करना पड़ता है, जिससे उपयोगकर्ताओं के डेटा की गोपनीयता सवालों के घेरे में आ जाती है.
निगरानी और दुष्प्रचार
DeepSeek की बढ़ती लोकप्रियता के साथ, विशेषज्ञों को यह भी चिंता है कि यह ऐप निगरानी और दुष्प्रचार अभियानों में इस्तेमाल किया जा सकता है. सेंटर फॉर इंफॉर्मेशन रेजिलिएंस के सह-संस्थापक रॉस बर्ली ने इस पर गंभीर चिंता जताई. उन्होंने कहा, “हमने बार-बार देखा है कि कैसे बीजिंग अपने तकनीकी वर्चस्व का इस्तेमाल निगरानी, नियंत्रण और दमन के लिए करता है, चाहे वह घरेलू स्तर पर हो या विदेशों में.” बर्ली का मानना है कि यदि DeepSeek जैसी तकनीकों पर नियंत्रण नहीं रखा गया तो ये गलत सूचना अभियानों को बढ़ावा दे सकती हैं, जनता का विश्वास कमजोर कर सकती हैं और लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में अधिनायकवादी विचारधारा को मजबूत कर सकती हैं.
सरकारें भी चिंतित
DeepSeek की बढ़ती लोकप्रियता से कुछ देश भी चिंतित है. यूके के टेक्नोलॉजी सेक्रेटरी पीटर काइल ने कहा कि इस ऐप में सेंसरशिप शामिल है और उपयोगकर्ताओं को इसे डाउनलोड करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए. उन्होंने ‘द न्यूज एजेंट्स’ पॉडकास्ट में कहा, “मुझे लगता है कि लोगों को इस पर खुद निर्णय लेना चाहिए, क्योंकि हमने इसे पूरी तरह समझने के लिए पर्याप्त समय नहीं लिया है. यह एक चीनी मॉडल है जिसमें सेंसरशिप पहले से ही शामिल है. इसलिए इसमें वह स्वतंत्रता नहीं है, जिसकी आप अन्य मॉडलों से अपेक्षा करते हैं.”
ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने अभी तक इस ऐप के उपयोग पर कोई औपचारिक सलाह नहीं दी है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया की हाउसिंग मंत्री क्लेयर ओ’नील ने सतर्कता बरतने की सलाह दी है. उन्होंने ‘सनराइज’ कार्यक्रम में कहा, “यह ऐप केवल कुछ दिनों पहले लॉन्च हुआ है… हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियां वर्तमान में इसके सेटिंग्स की जांच कर रही हैं और समझने की कोशिश कर रही हैं कि यह कैसे काम करता है.”
विवेक से काम लें यूजर्स
DeepSeek के उभरने से यह स्पष्ट हो गया है कि तकनीकी नवाचार और डेटा गोपनीयता के बीच एक बड़ा तनाव बना हुआ है. विशेषज्ञ और सरकारी अधिकारी उपयोगकर्ताओं से सतर्क रहने और व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से पहले दो बार सोचने की सलाह दे रहे हैं. जैसा कि वूलड्रिज ने कहा, “जिज्ञासा ठीक है, लेकिन सतर्कता आवश्यक है.” इस संदर्भ में, उपयोगकर्ताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे DeepSeek जैसे एआई मॉडल का उपयोग करते समय अपनी व्यक्तिगत और संवेदनशील जानकारी को सुरक्षित रखें.
सिर्फ 46 करोड़ रुपये में बना डीपसीक
चीन के AI स्टार्टअप डीपसीक (DeepSeek)के फाउंडर लियांग वेनफेंग (Liang Wenfeng) हैं.1985 में झांजियांग, ग्वांगडोंग के एक साधारण परिवार में जन्मे लियांग ने अपनी मेहनत और दूरदृष्टि से खुद को दुनिया के सामने एक अग्रणी AI उद्यमी के रूप में स्थापित किया है. लियांग वेनफेंग ने 2013 में हांग्जो याकेबी इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट और 2015 में झेजियांग जियुझांग एसेट मैनेजमेंट जैसी कंपनियों की स्थापना की. ये कंपनियां ज्यादा प्रसिद्ध नहीं हुईं.
इसके बाद लियांग और उनके दो क्लासमेंट ने क्वांटेटिव हेज फंड हाई-फ्लायर की नींव रखी. यह कंपनी क्वांटेटिव इनवेस्टमेंट के लिए मैथेमेटिक्स और एआई का खूब इस्तेमाल करती है.वेनफेंग ने हाई-फ्लायर के एक ऑफशूट के रूप में मई 2023 में डीपसीक लॉन्च किया. इसके बाद साल 2024 के अंत में स्टार्टअप ने V3 मॉडल लॉन्च किया. इस मॉडल को बनाने में केवल 46 करोड़ रुपये (5.6 मिलियन डॉलर) का खर्च आया, जबकि अन्य कंपनियां ऐसी तकनीक पर 500 करोड़ रुपये (60 मिलियन डॉलर) खर्च करती हैं.
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New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
January 29, 2025, 11:24 IST