मुंबई: मोबाइल फोन और सोशल मीडिया पर बच्चों की तस्वीरें वॉलपेपर या स्टेटस के रूप में लगाने के पीछे छिपे खतरों को लेकर विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है. इसे ज्योतिषीय दृष्टिकोण से राहु का प्रभाव माना जाता है, जो बच्चों के स्वभाव और स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डाल सकता है. बच्चे स्वभाव से सरल और सौम्य होते हैं, और उनके अंदर मंगल ग्रह की ऊर्जा मौजूद होती है.
राहु-मंगल दोष
बच्चों का दिल चंद्रमा की तरह कोमल और नर्म होता है. ऐसे में जब बच्चों की तस्वीरें मोबाइल या सोशल मीडिया पर लगाई जाती हैं, तो यह राहु-मंगल और राहु-चंद्र की युति अशुभ अंगारक योग बना देती है. इस योग के बनने से बच्चा चिड़चिड़ा, झगड़ालू और अत्यधिक नकारात्मक हो सकता है. इसके अलावा, बच्चे को भूख कम लगने, रात में जागने और अधिक रोने जैसी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.
बच्चे की ऊर्जा बहुत सेंसिटिव होती है, और मोबाइल पर तस्वीरें लगाने से घर में मौजूद इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स भी खराब हो सकते हैं. इसलिए यह माना जाता है कि बच्चों की तस्वीरें वॉलपेपर या स्टेटस के रूप में न लगाना चाहिए.
मोबाइल और नकारात्मक ऊर्जा का संबंध
मोबाइल फोन बच्चों को नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव में ला सकता है. यह प्रभाव सीधे तौर पर उनकी मानसिक और शारीरिक सेहत पर असर डाल सकता है. अक्सर देखा गया है कि सोशल मीडिया पर बच्चों की तस्वीरें या वीडियो अपलोड करने के बाद वे बीमार या डरपोक हो जाते हैं. इसका कारण यह है कि तस्वीरें देखने वाले लोगों की ऊर्जा बच्चे पर असर डालती है. जिन लोगों में ईर्ष्या, नकारात्मकता या जलन होती है, उनकी नकारात्मक ऊर्जा बच्चे में चली जाती है, जिससे बच्चा बीमार हो सकता है.
अगर बीमार हो जाए बच्चा
अगर आपका मुस्कुराता हुआ बच्चा अचानक चिड़चिड़ा या बीमार हो जाए, तो यह दृष्टि दोष का संकेत हो सकता है. मोबाइल या सोशल साइट्स पर बच्चों की फोटो और वीडियो अपलोड करने से बच्चों को नजर और नकारात्मक ऊर्जा का सामना करना पड़ता है. इस प्रकार की स्थिति से बचने के लिए जरूरी है कि बच्चों की तस्वीरें साझा करने से बचा जाए, ताकि वे इन बाहरी नकारात्मक प्रभावों से बच सकें.
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FIRST PUBLISHED :
November 16, 2024, 14:28 IST