Agency:News18 Madhya Pradesh
Last Updated:February 03, 2025, 21:50 IST
खंडवा में संदीप गुर्जर की शादी में 'डू नॉट वेस्ट फूड' थीम पर अनूठी पहल की गई. मेहमानों से भोजन की बर्बादी रोकने का संकल्प लिया गया और उन्हें संकल्प पत्र भरवाया गया. समाजसेवी दिलीपजी सेठिया के नेतृत्व में यह अभि...और पढ़ें
इतना ले थाली में जितना जाए थाली में
खंडवा: खंडवा जिले के ग्राम बमोरी में पितु गुर्जर के बेटे संदीप गुर्जर की शादी में एक विशेष प्रीतिभोज कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसने समाज में एक अनूठी मिसाल पेश की. इस शादी में मेहमानों से यह संकल्प लिया गया कि वे भोजन को झूठा नहीं छोड़ेंगे. इसके लिए संकल्प पत्र भरे गए और साथ ही समाजसेवी दिलीपजी सेठिया द्वारा चलाए जा रहे ‘डू नॉट वेस्ट फूड’ अभियान के तहत सेल्फी प्वाइंट भी लगाया गया.
दिलीपजी सेठिया ने बताया कि उन्हें इंदौर में एक व्यक्ति को सड़क पर कचरे में से खाना उठाकर खाते हुए देखा, जिससे वे बहुत भावुक हुए. उन्होंने सोचा कि हमारे समाज में ऐसे कई लोग हैं जिन्हें दो वक्त का खाना ठीक से नहीं मिलता. वहीं, शादी-पार्टी और सामाजिक भोजों में हम कितना खाना बर्बाद करते हैं. यही सोचकर उन्होंने इस समस्या का समाधान निकाला और ‘डू नॉट वेस्ट फूड’ अभियान शुरू किया. इसके तहत शादी समारोहों, पार्टियों और भोजों में यह सुनिश्चित किया जाता है कि भोजन की बर्बादी न हो, और बचा हुआ खाना जरूरतमंदों तक पहुंचाया जाए.
हर शादी में 15 से 20 फीसदी बर्बाद होता है खाना
शादी समारोहों में आमतौर पर 15 से 20 फीसदी खाना फेंका जाता है. इस भोजन को यदि सही तरीके से उपयोग किया जाए तो यह 20,000 से 25,000 लोगों का पेट भर सकता है. खंडवा जैसे छोटे शहरों में भी हर साल कई शादियां होती हैं और हर शादी में बचा हुआ खाना अकसर बर्बाद हो जाता है. इसमें विभिन्न प्रकार के व्यंजन जैसे सब्जियां, पुलाव, फल, पूरी, चपातियां, दही बड़े, टिकिया, छोले आदि शामिल होते हैं.
बड़े स्तर पर चलाया जा रहा है जागरुकता अभियान
यह पहल और जागरूकता शहर में बड़े स्तर पर फैली है. दिलीपजी सेठिया ने बताया कि यह अभियान हर शादी, पार्टी और सामाजिक भोज कार्यक्रम में लागू किया जाएगा ताकि भोजन की बर्बादी को रोका जा सके. हालांकि, इस विषय पर कुछ चुनौतियां भी हैं, क्योंकि लोग कभी-कभी अपनी सामाजिक स्थिति के कारण बचा हुआ खाना घर नहीं ले जाना चाहते, जबकि रेस्टोरेंट्स में खाने को पैक करने की सुविधा उपलब्ध है.
इस पहल ने लोगों में एक नई जागरूकता पैदा की है और यह उम्मीद की जाती है कि आने वाले समय में इस तरह के अभियान और पहलें समाज में बदलाव लाएंगी. ‘डू नॉट वेस्ट फूड’ जैसे प्रयासों से न केवल खाने की बर्बादी रुक सकती है, बल्कि जरूरतमंदों को भी भोजन उपलब्ध हो सकता है.
Location :
Khandwa,Madhya Pradesh
First Published :
February 03, 2025, 21:50 IST