FAKE VISA APPOINTMENT RACKET: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने फर्जी वीजा अप्वाइंटमेंट रैकेट का भंडाफोड़ कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. तीनों आरोपियों की पहचान चंदन बरनवाल, आज़ाद प्रताप राव और रितेश तिवारी के तौर पर हुई है. तीनों आरोपी मूल रूप से कुशीनगर (उत्तर प्रदेश) के अंतर्गत आने वाले हट्टा कस्बे के निवासी हैं. तीनों आरोपी खुद को वीजा-पासपोर्ट की सर्विस मुहैया कराने वाले कंपनी वीएफएस ग्लोबल (VFS Global) का अधिकारी बताकर ठगी करते थे.
एडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस (क्राइम ब्रांच) संजय भाटिया के अनुसार, वीएफएस ग्लोबल के सलाहकार आनंद सिंह की तरफ से इस बाबत एक शिकायत दर्ज कराई गई थी. यह शिकायत प्रवीण साहू और अजीत साहू नामक दो शख्स के खिलाफ दर्ज कराई गई थी. दोनों आरोपियों पर आरोप था कि फेसबुक, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन और टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दोनों खुद को वीएफएस ग्लोबल का अधिकारी के तौर पर प्रस्तुत कर रहे थे.
विदेश भेजने के नाम पर वसूलते थे मोटी रकम
इन दोनों पर यह भी आरोप था कि विदेश में रोजगार की संभावना तलाश रहे लोगों से मोटी रकम वसूलने के बाद दोनों उन्हें फर्जी अप्वाइंटमेंट लेटर और वीजा थमा देते थे. जांच के दौरान, यह भी पता चला कि दोनों आरोपी अपने ईमेल में वीएफएस ग्लोबल का लोगो भी गलत तरीके से यूज कर रहे थे. वीएफएस ग्लोबल और मौजूद सबूतों के आधार पर क्राइम ब्रांच ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4)/319(2)/61 के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की.
बैंक एकाउंट से आरोपियों तक पहुंची क्राइम ब्रांच
एडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस संजय भाटिया के अनुसार, पुलिस ने उन एकाउंट्स को खंगालना शुरू किया, जिसमें पीडि़तों द्वारा रुपए ट्रांसफर किए गए थे. इन एकाउंट्स के जरिए पुलिस को कुछ मोबाइल नंबर मिले और इन मोबाइल नंबरों की मदद से क्राइम ब्रांच की टीम मुख्य आरोपी चंदन बरनवाल तक पहुंच गई. चंदन बरनवाल सोशल मीडिया पर खुद को प्रवीन साहू बताता था. चंदन बरनवाल की गिरफ्तारी उत्त्र प्रदेश के कुशीनगर से की गई है.
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FIRST PUBLISHED :
November 27, 2024, 19:53 IST