जमुई. बिहार के किसान अब केवल पारंपरिक खेती तक सीमित नहीं रहेंगे. राज्य सरकार ने किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक नई पहल शुरू की है, जिसके तहत उन्हें कृषि व्यवसाय से जुड़ने का मौका मिल रहा है. बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति (BAIPP) के तहत सरकार किसानों को एग्री प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए सब्सिडी प्रदान कर रही है. यह योजना मखाना, शहद, मक्का, फल-सब्जियां, बीज, चाय और औषधीय पौधों जैसे सात प्रमुख कृषि उत्पादों पर आधारित है. इसके जरिए किसान अपनी उपज को न सिर्फ बेहतर ढंग से स्टोर कर सकेंगे, बल्कि उससे जुड़े उत्पादों का वैल्यू एडिशन भी कर पाएंगे, जिससे उनकी आय में बढ़ोतरी होगी.
इस योजना के तहत व्यक्तिगत निवेशकों को कुल लागत का 15 प्रतिशत और किसान उत्पादक संगठनों (FPC) को 25 प्रतिशत तक की सब्सिडी मिलेगी. इसका मतलब है कि अगर कोई किसान या संगठन अपने क्षेत्र में एग्री प्रोसेसिंग यूनिट शुरू करना चाहता है, तो उसकी लागत का एक बड़ा हिस्सा सरकार उठाएगी. इससे किसानों को कृषि क्षेत्र में नए रोजगार के अवसर मिलेंगे और वे खेती के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी आर्थिक लाभ कमा सकेंगे. यह पहल किसानों की आय को दोगुना करने और उन्हें बाजार में सीधे जोड़ने के सरकारी लक्ष्य का हिस्सा है. साथ ही, योजना का उद्देश्य कृषि उत्पादों की प्रोसेसिंग, स्टोरेज और निर्यात को बढ़ावा देना भी है.
यहां जानिए कैसे कर सकते है आवेदन
किसान इस योजना का लाभ उठाने के लिए राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें “horticulture.bihar.gov.in” वेबसाइट पर जाकर योजना का विकल्प चुनना होगा और फिर ‘कृषि प्रसंस्करण यूनिट पर सब्सिडी’ के लिए आवेदन करना होगा. आवेदन की प्रक्रिया सरल और सीधी है, जिसके बाद किसान इस योजना का लाभ ले सकते हैं. इसके अलावा, किसान अपने नजदीकी कृषि विभाग के कार्यालय में संपर्क कर योजना से संबंधित जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं.
Tags: Bihar News, Jamui news, Local18
FIRST PUBLISHED :
September 22, 2024, 09:49 IST