Agency:News18 Rajasthan
Last Updated:February 07, 2025, 02:01 IST
Jaipur Latest News: राजस्थान में सरकार बदली लेकिन हजारों स्कूटी घास के मैदान में घास का ही हिस्सा बन गई हैं. सरकारी सिस्टम की खामी के चलते 385 करोड़ की कीमत वाली स्कूटी बांसवाड़ा, डूंगरपुर, उदयपुर समेत कई जिलों...और पढ़ें
जयपुर. राजस्थान में सरकार क्या बदली हजारों स्कूटियों और छात्राओं की तकदीर ही बदल गई. एक साल पहले चमचामाने वाली हजारों स्कूटियां अब घास के मैदान में घास का हिस्सा बन गईं. सरकारी सिस्टम की खामी के चलते 385 करोड़ की कीमत वाली स्कूटियां बांसवाड़ा डूंगरपुर समेत कई जिलों में स्कूल के घास के मैदान में या डीलर के पास ग्राउंड में कबाड़ में बदल रही हैं. कसूर इतना कि इन स्कूटियों को खरीदा तो पिछली गहलोत सरकार ने अब राज बीजेपी का है. उस सरकार का भी कसूर ये कि चुनाव में जाते-जाते चुनावी फायदा उठाने के लिए करोड़ों की स्कूटियां खरीदने का टेंडर कर लिया, ये जानते हुए कि वो मौजूदा कार्यकाल में बांट नहीं पाएंगे. अब मौजूदा सरकार ने पिछली सरकार की काली भाई भील स्कूटी योजना को यथावत रखा. इस योजना के तहत ये सरकार भी 200 करोड़ की नई स्कूटी खरीदने की तैयारी कर रही है. लेकिन एक साल पहले खरीदी गई हजारों स्कूटियों का भविष्य फिलहाल कागज की फाईल में कैद है.
हरे-भरे घास के मैदान की ये तस्वीरें बांसवाड़ा के सरकारी कॉलेज मैदान की है, न कि किसी किसान के खेत की. इस मैदान में घास की फसल लहरा रही है. इसी फसल के बीच से झांकते हुए हजारों स्कूटी नजर आ रही हैं. मानो सड़क पर चलने योग्य न रहने से कबाड़ समझकर पटक दी गईं हो. एक साल पहले नई दिखने वाली इन स्कूटी का रंग भी अब फीका हो गया.
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10वीं और 12वीं में 60% से अधिक अंक लाने वाली छात्राओं को मेरिट लिस्ट के आधार पर ये स्कूटी बांटी जानी थी. ऐसी 109 स्कूटी हैं, जो बांसवाड़ा में अलग-अलग जगह रखी हुई हैं. 1690 स्कूटियों की कीमत करीब 13.50 करोड़ है. राजस्थान सरकार ने साल 2021-22 में कालीबाई भील स्कूटी वितरण और देवनारायण योजना के तहत प्रतिभावान छात्राओं को प्रोत्साहित करने के लिए स्कूटी देने की घोषणा की थी. इसमें राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में 65 फीसदी और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में 75% से ऊपर अंक लाने वाली छात्राओं को स्कूटी देने का प्रावधान किया गया था, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि ये न सिर्फ राजनीतिक भेदभाव के आधार मेधावी छात्राओं के साथ अन्याय है सरकारी धन की भी हानी है.
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उप मुख्यमंत्री प्रेम चंद बैरवा ने कहा कि ये स्कूटी पिछले सत्र यानी 2022-23 की हैं. डीलर ने समय पर डिलीवरी नहीं कि इस वजह से बांट नहीं पाए. अब इस सत्र में पुरानी भी देंगे और नई भी खरीदेंगे डीलर पर जुर्माना भी करेंगे. अब सवाल ये कि सरकार एक साल में जंग खा चुकी ये स्कूटी क्या बांटने योग्य बची हैं. क्या छात्राए कबाड़ बन चुकी स्कूटी को लेंगी?
Location :
Jaipur,Jaipur,Rajasthan
First Published :
February 07, 2025, 02:01 IST