सर्दियों के लिए बॉडी वार्मर का काम करते हैं यह इत्र
कन्नौज: इत्र नगरी कन्नौज में मौसम के हिसाब से भी इत्र तैयार किया जाता है. गर्मियों के मौसम में जहां खस, चंदन, गुलाब के इत्रों का प्रयोग किया जाता है. वहीं, सर्दियों के मौसम में केसर, शमामा और ऊद का इत्र बड़े पैमाने पर डिमांड में रहता है. इन इत्रों की सबसे बड़ी खासियत यह रहती है कि यह लगने के बाद गर्माहट का एहसास देते रहते हैं.
बता दें कि नेचुरल जड़ी बूटियो और घरेलू मसालों से बने शमामा का इत्र सबसे ज्यादा गर्म रहता है. उसके बाद एक विशेष प्रकार की लकड़ी से बने अतर भी गर्म रहता है. वहीं, केसर के इत्र की तासीर भी गरम रहती है. ऐसे में बाजार में इसकी अधिक मांग रहती है.
सर्दियों में इस इत्र की रहती है मांग
सर्दियों के मौसम में सबसे ज्यादा शमामा के इत्र की डिमांड होती है. इस इत्र में सबसे ज्यादा हिमालयन जड़ी बूटियों का प्रयोग होता है. साथ ही कई घरेलू मसाले जैसे की लौंग, कपूर, गरम मसालों का प्रयोग होता है. जिस कारण यह काफी गर्म रहता है. वहीं, ऊद का इत्र अगर वुड की विशेष प्रकार की लकड़ी से बनता है. यह भी काफी गर्म होता है. इसके बाद केसर का इत्र आता है. यह गर्म इत्रों में शामिल रहता है.
जानें क्या रहता है रेट
गौरी ऊद के इत्र के रेट की बात की जाए, तो इसके रेट 80 हजार रुपए किलो तक रहते हैं. वहीं, केसर का इत्र 2 लाख 80 हजार रुपए से ऊपर रहता है. वहीं, शमामा इत्र का रेट 1 लाख 20 हजार रुपए किलो तक रहता है.
जानें क्या कहते हैं इत्र के व्यापारी
इत्र व्यापारी निशीष तिवारी बताते हैं कि सर्दियों के मौसम में ऊद, शमामा और केसर का इत्र खास रहता है. इसमे शमामा का इत्र बॉडी लोशन की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे शरीर में गर्माहट बनी रहती है. वहीं, ऊद और केसर का भी इत्र गर्म इत्रों में से एक है.
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FIRST PUBLISHED :
November 19, 2024, 19:55 IST