मस्जिद कमेटी ने सर्वे के लिए अपनी सहमति दी है
संभल:
उत्तर प्रदेश में संभल जिले की शाही जामा मस्जिद का आज फिर सर्वे होना है. थोड़ी देर में सर्वे टीम शाही जामा मस्जिद पहुंचेगी. अदालत के आदेश के बाद मस्जिद कमेटी ने सर्वे के लिए अपनी सहमति दी है, दोनों पक्षों की मौजूदगी में ये सर्वे होगा. हिंदू पक्ष द्वारा अदालत में हरिहर मंदिर बताये जाने के बाद कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए संभल मस्जिद के सर्वे के आदेश दिया था. उसी दिन 19 नवंबर को ही रात में मस्जिद का सर्वे हुआ, अब आज फिर सर्वे होना है. मामले की गंभीरता को देखते हुए भारी पुलिस बल का भी इंतजाम किया गया है. ज़िला अदालत ने 29 नवंबर तक सर्वे की रिपोर्ट देने को कहा है.
संभल मस्जिद सर्वे के दौरान सीनियर एडवोकेट विष्णु शंकर जैन भी मौजूद रहेंगे. मस्जिद को हिंदू पक्ष द्वारा अदालत में हरिहर मंदिर बताये जाने के बाद शांति-व्यवस्था को लेकर शुरू हुई पुलिस तथा प्रशासनिक कार्रवाई के तहत समाजवादी पार्टी के सांसद के पिता समेत 34 लोगों को शांति भंग की आशंका के मद्देनजर पाबंद किया गया है. संभल की उप जिलाधिकारी (एसडीएम) वंदना मिश्रा ने को बताया कि संभल के सपा सांसद जिया उर रहमान वर्क के पिता ममलुकुर रहमान वर्क सहित 34 लोगों को पाबंद किया गया है.
संभल में इसके पहले शुक्रवार को कड़े पहरे में जुमे की नमाज हुई. संभल जिले की एक अदालत के आदेश पर मंगलवार को जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया. दावा है कि इस मस्जिद का निर्माण किसी मंदिर को खंडित करके किया गया है. याचिकाकर्ता अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिविजन) की अदालत ने जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के लिये ‘एडवोकेट कमीशन' गठित करने के निर्देश दिये. अदालत ने कहा है कि कमीशन के माध्यम से वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी सर्वेक्षण कराकर अदालत में रिपोर्ट दाखिल की जाए.
हिंदू पक्ष के वकील गोपाल शर्मा ने शुक्रवार को बताया कि दीवानी न्यायाधीश की अदालत में दाखिल याचिका में उन्होंने बाबरनामा और आइन-ए-अकबरी किताब का भी उल्लेख किया है, जिसमें हरिहर मंदिर होने की पुष्टि होती है. उन्होंने दावा किया कि इस मंदिर को 1529 में बाबर द्वारा तोड़ा गया था और अब इस मामले की 29 जनवरी को सुनवाई है. शर्मा ने कहा कि ‘एडवोकेट कमीशन' की रिपोर्ट आने के बाद वह अपनी आगे की कार्यवाही तय करेंगे.
ये भी पढ़ें :- संभल में मस्जिद या हरिहर मंदिर... विवाद पर चढ़ा राजनीतिक रंग, जानें पूरा मामला