गिल-पंत की जोड़ी से कोहली-रोहित की तुलना, भविष्य के कप्तान हो रहे तैयार

3 hours ago 1

नई दिल्ली. बांग्लादेश के खिलाफ चेन्नई टेस्ट से पहले ऋषभ पंत 33 और शुभमन 25 टेस्ट खेल चुके थे. लेकिन कभी भी दोनों को साथ में टेस्ट में साझेदारी करने का मौका नहीं मिला था. मैच के दूसरे दिन जब टीम इंडिया ने दूसरी पारी में महज 67 रन पर 3 विकेट खो दिए तो क्रीज पर आमने-सामने हुए गिल और पंत. इस युवा जोड़ी ने ना सिर्फ विकेट गिरने के सिलसिले को रोका बल्कि तीसरे दिन दोनों ने अपने अपने शतक भी पूरे किए. भारतीय क्रिकेट में इसे एक नए युग की शुरुआत के तौर पर देखा जा सकता है.

1996 में भारत के इंग्लैंड दौरे पर अचानक से नवजोत सिंह सिद्धू विवादास्पद तरीके से भारत लौट आए थे. संजय मांजरेकर लॉर्ड्स टेस्ट से ठीक पहले चोटिल हो गए. ऐसे में मौका मिला सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ जैसे युवा बल्लेबाजो को. गांगुली ने शतक बनाया और द्रविड़ 5 रन के चलते शतक से भले ही चूके लेकिन इतिहास गवाह है कि दोनों ने भारतीय मध्यक्रम की दिशा और दशा बदल दी. विराट कोहली और रोहित शर्मा ने भी टेस्ट क्रिकेट के साथ साथ वन-डे क्रिकेट में जोड़ी के तौर पर कमाल दिखाया और भले ही रोहित ओपनर की भूमिका निभाने लगे हैं लेकिन ये भी भारतीय क्रिकेट में एक खास जोड़ी के प्रभुत्व के दौर के तौर पर देखी जाएगी.

5 Shortest Wrestlers WWE History: 5 सबसे छोटे रेसलर्स, जिन्होंने रिंग में मचाई धूम, एक ने तो दे ग्रेट खली से ले लिया था पंगा

बांग्लादेशी स्पिनर्स से निपटने को गिल ने बनाया था सीक्रेट प्लान, शतक जड़ने के बाद भारतीय ओपनर ने खोला राज

कुछ ऐसा की कमाल टेस्ट क्रिकेट में चेतेश्वर पुजारा और अंजिक्या रहाणे की जोड़ी ने मध्य-क्रम में किया जिन्होंने 2013 के साउथ अफ्रीका दौरे से एक नए युग की शुरुआत की थी. अब जब कोहली और रोहित शर्मा अपने करियर के आखिरी दौरे में प्रवेश कर चुके हैं और मध्यक्रम में ना तो के एल राहुल अपनी जगह पक्की कर पाए हैं और ना ही कोई और खिलाड़ी जोरदार दावेदार के तौर पर दिख रहा है. वहां गिल और पंत की जोड़ी से ना सिर्फ टेस्ट क्रिकेट बल्कि हर फॉर्मेट में जोड़ी के तौर पर बड़ी पारी की उम्मीदें बांधी जा सकती है. इसकी कई वजह है.

अगर समानता के तौर पर बात की जाए तो इन दोनों ने अंडर 19 वर्ल्ड कप से छाप छोड़ते हुए टीम इंडिया तक का सफर कामयाबी पूर्व तय किया है. दोनों को बेहद प्रतिभाशाली खिलाड़ी के तौर पर देखा गया है. और उतार-चढ़ाव के बावजूद ये लगातार अपनी भूमिका को हाइलाइट करते रहें हैं. अगर पंत में नया धोनी ढूंढने की कोशिश की गई तो गिल को किंग कोहली का उत्तराधिकारी यानि प्रिंस के तौर पर देखा गया. अगर पंत ने टेस्ट की बजाए वन-डे क्रिकेट में संघर्ष देखा है तो गिल ने टेस्ट में. इत्तेफाक से दोनों खिलाड़ी टी20 फॉर्मेट में अब भी स्वाभाविक चयन का हिस्सा नहीं बनते हैं. जबकि इन दोनों को भविष्य के कप्तान के तौर पर देखा जा रहा है. अगर पंत ने 2022 में टी20 में कप्तानी की तो हाल ही में जिम्बाब्वे के दौरे पर गिल को ये भूमिका मिली थी.

टी20 में फिलहाल हार्दिक पंड्या की बजाए सूर्यकुमार यादव को कप्तानी की जिम्मेदारी दी गई है और जब तक पंत और गिल खुद को टेस्ट और वन-डे में पूरी तरह से बल्लेबाज के तौर पर स्थापित नहीं कर पाते हैं तब तक उन्हें कप्तान के तौर पर रोहित शर्मा के उत्तराधिकारी के तौर पर देखने में थोड़ा वक्त लग सकता है. टेस्ट क्रिकेट में शायद पंत का दावा मजबूत होता अगर कार दुर्घटना के चलते वो करीब डेढ़ साल तक इस फॉर्मेट से बाहर नहीं होते. टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया के लिए हाल में राहुल और जसप्रीत बुमराह ने भी कप्तानी की है लेकिन आने वाले ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए इन दोनों को उप-कप्तानी भी ना मिले. ऐसे में ये देखना दिलचस्प जरुर होगा कि ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उप-कप्तानी की जिम्मेदारी क्या गिल को मिलती है या फिर पंत का दावा भी मजबूत होता है.

दरअसल, चेन्नई टेस्ट में गिल और पंत के शतकों को भी थोड़ा सा उसी संदर्भ में देखे जाने की जरुरत है. भारतीय चयनकर्ता और नए हेड कोच गौतम गंभीर शायद ये चाह रहे होंगे कि टेस्ट क्रिकेट के लिए रोहित शर्मा का उत्तराधिकारी ऐसे खिलाड़ी को बनाया जाय जिसकी फिटनेस और फॉर्म को लेकर चिंता ना करनी पड़े. दरअसल, यही तर्क पंड्या को कप्तानी नहीं देने और सूर्या को टी20 में कप्तानी देने के लिए दिया गया था.

एक और दिलचस्प बात ये भी है कि मौजूदा कप्तान रोहित गिल और पंत दोनों के लिए सिर्फ लीडर नहीं बल्कि बड़े भाई और मेंटोर की भूमिका निभाते हैं. एक वक्त धोनी के सामने भी कोहली और रोहित का विकल्प उपकप्तान और भविष्य के कप्तान के तौर पर था जिसमें बाजी कोहली ने मारी थी क्योंकि बल्लेबाज के तौर पर उन्होंने निरंतरता ज्यादा दिखाई थी. उस समय के चयनकर्ताओ ने कोहली में ही बेहतर कप्तान देखा था. रोहित और गंभीर के सामने टेस्ट और वनडे के लिए भविष्य के नए कप्तान के तौर पर गिल और पंत में से किसी एक की दावेदारी को खारिज करना आसान नहीं होगा. और ऐसे में ऊंट उसी करवट बैठ सकता है जिस तरफ उस खिलाड़ी का बल्ला अपनी धमक को आने वाले कुछ सालों तक निश्चित तौर पर बरकरार रखे.

अगर आने वाले घरेलू चार टेस्ट मैचों के बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी ये खिलाड़ी निजी तौर पर और जोड़ी के तौर पर भी ऐसी कामयाबी हासिल करते हैं तो भारतीय क्रिकेट के लिए इससे सुखद बात और क्या हो सकती है. और अगर ऐसा हुआ तो ये भी तय हो जाएगा कि कप्तान रोहित शर्मा के लिए उत्तराधिकारी की दौड़ में आगे कौन निकल सकता है.

अच्छी बात ये है कि ऑस्ट्रेलिया से गिल से जुड़ी यादें भी अच्छी हैं और पंत का रिश्ता भी उतना ही मजबूत. महान धोनी को 6 टेस्ट शतक बनाने के लिए 144 पारी खेलनी पड़ी थी जबकि पंत ने ये कमाल महज 58 पारी में कर दिखाया है. गिल ने अब तक 25 टेस्ट में 4 शतक बनायए हैं जबकि कोहली के पहले 25 मैचों में 6 शतक थे. यानि गिल तुलनात्मक तौर पर फिलहाल अपने आदर्श से पीछे चलते दिख रहें हैं जबकि पंत ने कम से कम एक फॉर्मेट में ही सही महान धोनी के साथ तुलना वाली बहस को ही खत्म कर दिया है. पंत के लिए चुनौती कप्तान धोनी और उनके वनडे क्रिकेट के कमाल को बेहतर करने की होगी जबकि गिल के लिए चुनौती फिलहाल थोड़ी ज्यादा चुनौतीपूर्ण दिखती है.

Tags: India vs Bangladesh, Rishabh Pant, Rohit sharma, Shubman gill, Virat Kohli

FIRST PUBLISHED :

September 21, 2024, 22:27 IST

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article