अहमदाबाद:
गुजरात के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने खुलासा किया है कि गुजरात के तटीय शहर में एक निजी कंपनी में काम करने वाला एक मजदूर 200 रुपये प्रतिदिन पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करता था. गुजरात के द्वारका में काम करने वाला दीपेश गोहिल फेसबुक पर एक कथित पाकिस्तानी नौसेना अधिकारी असीमा के संपर्क में आया था. एटीएस ने कहा कि गोहिल ने द्वारका के ओखा क्षेत्र से संवेदनशील तस्वीरें एकत्र कीं और वे पाकिस्तान भेजीं.
गुजरात एटीएस ने पाकिस्तानी एजेंट को तटरक्षक जहाजों की जानकारी देने के आरोपी मजदूर को गिरफ्तार कर लिया है.
एटीएस ने भारतीय तटरक्षक बल (ICG) के जहाजों की आवाजाही के बारे में संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी एजेंट के साथ साझा करने के आरोप में शुक्रवार को एक मजदूर को गिरफ्तार किया. पुलिस अधीक्षक (एटीएस) के सिद्धार्थ ने बताया कि तटीय देवभूमि द्वारका जिले में ओखा जेट्टी पर वेल्डर सह मजदूर के रूप में काम करने वाले दीपेश गोहेल ने गोदी (जेट्टी) पर आने वाले आईसीजी जहाजों के बारे में संवेदनशील जानकारी एक पाकिस्तानी महिला के साथ साझा की थी और इसके लिए उसे 200 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मिलते थे.
पुलिस अधीक्षक ने संवाददाताओं को बताया कि मजदूर को भारतीय न्याय संहिता की धारा 61 और 147 के तहत आपराधिक साजिश और सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि महिला ने गोहेल को बताया कि वह पाकिस्तानी नौसेना में काम करती है. महिला ने कहा कि अगर वह गोदी पर आने वाले तटरक्षक जहाजों के नाम और नंबर तथा उनकी आवाजाही के बारे में बताए तो वह उसे प्रतिदिन 200 रुपये देगी.
एसपी ने कहा, ‘‘यह जानते हुए भी कि यह अवैध है गोहेल ने सहमति जताई और संवेदनशील जानकारी साझा करना शुरू किया.''
उसने कथित तौर पर व्हाट्सऐप पर तटरक्षक जहाजों की आवाजाही के वीडियो सहित संवेदनशील जानकारी भेजी थी.
के सिद्धार्थ ने कहा, "हमें खुफिया जानकारी मिली थी कि ओखा का एक व्यक्ति व्हाट्सऐप के जरिए पाकिस्तान की नौसेना या आईएसआई (इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस) के एजेंट के साथ तटरक्षक बल के बारे में जानकारी साझा कर रहा है. जांच के बाद, हमने ओखा निवासी दीपेश गोहिल को गिरफ्तार किया. दीपेश जिस नंबर से संपर्क में था, वह पाकिस्तान का था."
एटीएस ने कहा कि गोहिल की ओखा बंदरगाह पर तटरक्षक जहाजों तक आसान पहुंच थी.
एटीएस ने बताया कि गोहिल का अपना कोई बैंक खाता नहीं है, इसलिए उसने अपने दोस्त के खाते में पैसे ट्रांसफर कराए थे. उसने अपने दोस्त से यह कहकर नकदी ले ली कि यह उसकी वेल्डिंग से हुई कमाई है. अब तक उसे पाकिस्तानी हैंडलर से 42,000 रुपये मिले हैं, जिसकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है.