'गुरुकुल' से कम नहीं रांची का यह सरकारी स्कूल, एक रैपर भी दिखा तो मिलेगा ईनाम; 3-3 साल के बच्चे सुनाते गीता श्लोक
Ground Report: राजधामी रांची में के इस अद्भुत सरकारी स्कूल में 3 साल के बच्चे गीता के श्लोक बड़े ही श्रद्धा से पढ़ते है ...अधिक पढ़ें
- News18 Jharkhand
- Last Updated : November 25, 2024, 16:00 IST
रांची. झारखंड की राजधानी रांची से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है केरम गांव और इस गांव की खूबसूरती तो छोड़िए इस गांव की स्कूल को भी देखकर आप बोलेंगे मजा आ गया.यह जगह को देखकर आपको देहरादून हिल स्टेशन याद आ जाएगा और पहाड़ों में एक छोटा सा स्कूल आपका मन मोह लेगा. स्कूल सिर्फ देखने में खूबसूरत नहीं है.बल्कि इस स्कूल का डिसिप्लिन देखकर आप एक बार जरूर बोलेंगे कि क्या सरकारी स्कूल भी ऐसा होता है.
दरअसल, उच्च माध्य विद्यालय जो की 8 क्लास तक संचालित किया जाता है, आठवीं क्लास तक 300 बच्चे यहां पढ़ते हैं, लेकिन आप स्कूल के अंदर जब पैर रखेंगे तो, आपको एकदम पिन ड्रॉप साइलेंस मिलेगा और आप कहेंगे कि कहीं स्कूल बंद तो नहीं, लेकिन, हर क्लास में 40 से 50 बच्चें एकदम साइलेंस होकर पढ़ते हैं.
डिजिटल माध्यम से भी होती है पढ़ाई
यहां के प्राचार्य सूरज बताते हैं कि यहां पर डिजिटल तकनीक से पढ़ाई होती है और इसके साथ ही स्मार्ट क्लास भी है, लेकिन हम अपने बच्चों में ट्रेडीशन और वैल्यूज को सिखाने में अधिक जोर देते हैं. सिर्फ किताबी कीड़ा नहीं बनाते, आप 3 साल के बच्चे से गीता का श्लोक सुन सकते हैं.जी हां, यहां पर 3 साल के बच्चे ऐसा श्लोक सुनयेंगे कि आप बोलेंगे ” वाह क्या बात है.”
यहां पर मिड डे मील में अच्छा खासा दो अंडा, हरी सब्जी, दाल चावल और सलाद मिलता है और खास बात यह है कि यहां पर टीचर से लेकर प्राचार्य तक, एक पंक्ति में बैठकर बच्चों के साथ वही खाना खाते हैं व खाने के पहले बच्चों को आहार के प्रति आभार प्रकट करना, 2 मिनट के लिए मौन रखकर खाने के लिए प्रार्थना करना. यह सारी चीज भी सिखाई जाती है, जो देखना अद्भुत होता है.
एक गंदगी दिखा दो तो मानो
यहां एक और खास बात देखने को मिलेगी कि यहां पर अगर आप एक रैपर भी फेंका हुआ आप स्कूल में दिखा देंगे तो फिर आपको इनाम दिए जाएंगे.क्योंकि यहां पर इतनी साफ सफाई है कि देखकर आपका दिल खुश हो जाएगा.आप कहेंगे कि सरकारी स्कूल इतना साफ होता है.यहां पर बच्चों को चार ग्रुप में बांट दिया गया है और हर हफ्ते एक ग्रुप का बच्चा पूरे स्कूल का मिलकर सफाई करता है और उन्हें सफाई का महत्व भी समझाया जाता है.
प्राचार्य सूरज बताते हैं, सिर्फ पढ़ने से नहीं होगा. बल्कि, हमें वैल्यू भी सीखाना पड़ेगा. हमें उन्हें बताना पड़ेगा कि जहां साफ सफाई होती है, वहीं बरकत होता है.आपको अपने भीतर सफाई करनी होगी, बाहर सफाई करनी होगी और अपने आसपास के जगह को एकदम चकाचक रखना होगा.तब देखिए कैसे ज्ञान और लक्ष्मी जी आप पर बरस पड़ेगी.जिंदगी जीने का तरीका होता है.हम बच्चों को वह सीखाते हैं.ऐसे में बच्चे जो भी कुछ काम करेंगे आगे चलकर या थोड़ा भी पैसे कमाएंगे.लेकिन इतना तो निश्चित है वह एक शांतिपूर्ण व सभ्य सामाजिक प्राणी बनेंगे.
Editer- Anuj Singh
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FIRST PUBLISHED :
November 25, 2024, 16:00 IST