श्वास के रोगियों के लिए जहरीली हवा हो सकती है घातक
करौली:- राजस्थान में तेज सर्दी के साथ ही एयर क्वालिटी इंडेक्स ( AQI ) के आंकड़े भी लोगों की सेहत को खराब कर रहे हैं. राजस्थान के कई शहर अभी भी ऐसे हैं, जहां जहरीली हवा का खतरा बना हुआ है. एयर क्वालिटी इंडेक्स के ताजा आंकड़ों की बात करें, तो आज राजस्थान रेड जॉन से बाहर आ गया है. लेकिन बीते दिनों राजस्थान के कई शहरों के हवा में प्रदूषण के आंकड़े चौंकाने वाले थे. राजस्थान में सबसे ज्यादा जहरीले हवा पिछले दिनों भिवाड़ी की दर्ज की गई थी, जहां अभी भी जहरीली हवा का खतरा लोगों की सेहत पर मडरा रहा हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि हवा में बढ़ता हुआ प्रदूषण आपकी सेहत पर भी खतरनाक असर डाल सकता है.
जहरीली हवा में सांस लेना न केवल आपके श्वसन तंत्र पर प्रभाव डालता है, बल्कि यह खासकर श्वास के रोगियों के लिए जानलेवा भी साबित हो सकता हैं. हवा में प्रदूषण का बढ़ना आपके स्वास्थ्य पर कई तरह का प्रभाव डालता है. इससे स्वास्थ्य पर होने वाले दुष्परिणामों को जानने के लिए लोकल 18 हिंडौन सिटी के सामान्य जिला अस्पताल में कार्यरत सीनियर फिजिशियन डॉ. आशीष शर्मा से खास बातचीत की है.
AQI का लेवल बढ़ने से स्वास्थ्य पर पड़ते हैं कई दुष्परिणाम
डॉ. आशीष शर्मा बताते हैं कि हवा में प्रदूषण और वातावरण में AQI का लेवल बढ़ने से मानव स्वास्थ्य पर कई तरह के दुष्परिणाम पड़ते हैं. इसमें सबसे ज्यादा खतरा श्वास के रोगियों को रहता है, जिनकी पहले से अस्थमा की दवाई या फिर सीओपीडी की दवाई चल रही है. ऐसे रोगियों के अंदर AQI लेवल बढ़ने से एक्यूट अटैक ( हार्ड अटैक ) का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में हवा का प्रदूषण बढ़ने से खासकर ऐसे रोगियों को हॉस्पिटलाइज होना पड़ता है. कई बार यह स्थिति श्वास के गंभीर मरीज के लिए जानलेवा भी सिद्ध हो सकती है.
सामान्य लोगों के स्वास्थ्य पर भी पड़ते हैं कई असर
डॉ. आशीष शर्मा बताते हैं कि वातावरण में हवा का जहरीला होना सामान्य लोगों के स्वास्थ्य पर भी असर डालता है. जो लोग श्वास की बीमारी से पीड़ित नहीं होते हैं, उनके स्वास्थ्य पर AQI का लेवल बढ़ने से खांसी, जुकाम, छाती में दर्द और सांस लेने में तकलीफ जैसे गंभीर लक्षण देखने को मिलते हैं. वातावरण में हवा जहरीले होने से कई रोगियों में नियमित खांसी भी बन जाती हैं. हवा में प्रदूषण फैलने से जो लोग सामान्य खांसी से भी पहले से जूझ रहे होते हैं, उनकी खांसी को भी ऐसे माहौल में ठीक होने में 15 से 20 दिन लग जाते हैं.
आंखों और त्वचा पर भी पड़ता है गहरा प्रभाव
एक्सपर्ट के मुताबिक हवा में प्रदूषण फैलने से आंखों में भी कई तरह के रोग लगने का खतरा बढ़ जाता है. हवा में प्रदूषण फैलने से आंखों में पानी आना, आंखों का लाल पड़ जाना और खुजली होना इस तरह के गंभीर लक्षण भी प्रदूषण में लोगों में देखने को मिलते हैं. साथ ही ऐसे वातावरण में त्वचा पर होने वाले चर्म रोगों भी खतरा बढ़ जाता है.
श्वास के रोगियों को लगाना चाहिए N95 मास्क
हवा में प्रदूषण का लेवल बढने के बाद लोगों को मास्क का इस्तेमाल बचाव के लिए जरूर करना चाहिए. डॉ आशीष शर्मा बताते हैं कि ऐसे वातावरण में n95 और n19 मास्क का ही लोगों को उपयोग करना चाहिए. यही मास्क ऐसे हैं, जो एसी वातावरण में जहरीले कणों को आपके श्वसन तंत्र में जाने से रोक सकते हैं.
इसका सबसे बड़ा उपाय
डॉ. आशीष शर्मा Local 18 को बताते हैं कि वातावरण में एयर क्वालिटी इंडेक्स का लेवल बढ़ने पर इसका एकमात्र लॉन्ग टर्म और काउंटर उपाय सिर्फ पौधारोपण है. वह बताते हैं कि AQI का लेवल बढ़ने पर सबसे पहले बाहर जाते समय ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक वाहनों का उपयोग करना चाहिए. सबसे खास बात बढ़ते AQI लेवल के समय सजग रहना और इससे स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्परिणाम का समय पर इलाज लेना ही बचाव का सबसे बड़ा उपाय है.
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FIRST PUBLISHED :
November 25, 2024, 17:17 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.