मंडी. जिले में इस बार नवंबर माह खत्म होते-होते भी बारिश नहीं हो पाई है जिससे सूखे की मार से मंडी जिला के कई इलाके ग्रसित हैं. कई फसलों की बिजाई भी नहीं हो पा रही है. वही खेती करने वालों के साथ-साथ सुखी ठंड की मार ने लोगों को परेशान कर रखा है.
मंडी जिला में कई इलाके ऐसे हैं जहां लोग खेती-बाड़ी पर ही निर्भर रहते हैं. इस साल अब तक सर्दियों में एक भी बारिश नहीं होने से लोग बारिश होने के लिए अपने-अपने क्षेत्र के देवी-देवताओं के पास पहुंचने लगे हैं और बरीश की फरियाद कर रहे हैं.
कठिन परिस्थितियों में देवी-देवताओं की करते हैं पूजा
मंडी जिला में पुरानी संस्कृति को निभाते हुए भी लोग समय-समय पर परेशानी आने पर देवी-देवताओं के दरबार पहुंचते हैं और उन्हें खुश करने के लिए पूजा अर्चना करते हैं. इतिहास और लोगों के मत के मुताबिक ऐसा करने से बारिश हो भी जाती है. अब मंडी जिला के रोहाड़ा क्षेत्र में बड़ा देव कमरूनाग के दरबार भी बहुत से ग्रामीण क्षेत्रों के लोग पहुंच रहे हैं. बारिश की फरियाद कर रहे हैं. उनका जीवन और खुशहाली खेती-बाड़ी होने से ही पूर्ण होती है जिसके लिए बारिश होना अत्याधिक जरूरी है.
कौन है देव कमरूनाग ?
देव कमरूनाग को मंडी रियासत का बड़ा देव भी कहा जाता है. यह देवता बारिश करवाने और बहुत अधिक बारिश को रुकवाने के लिए जाने जाते हैं. इन देवता के मंदिर को पांडवों द्वारा बनाया गया था और आज भी उसी पुराने मंदिर को यहां देखा जा सकता है.
मंडी राजपरिवार में है इन देवता का विशेष स्थान
देव कमरूनाग को मंडी का बड़ा देव कहा जाता है और मंडी जिला में अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में यह देवता सबसे पहले मंडी पहुंचते हैं. मंडी के राजा कृष्ण अवतार माधव राय के मंदिर पहुंचते हैं जिसके बाद मंडी जिला प्रशासन द्वारा इनकी विधिवत पूजा की जाती है. यह देवता से मांग की जाती है कि शिवरात्रि महोत्सव अच्छे से बिन बरसात कटे. उसके बाद बड़ा देव कमरूनाग मंडी की टारना हिल पहुंचते हैं और माता श्यामा काली के मंदिर इस सात दिवसीय महोत्सव में यही मंदिर में विराजमान हो कर अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं.
Edited By- Anand Pandey
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FIRST PUBLISHED :
November 25, 2024, 20:08 IST