शाहजहांपुर: गेहूं की अगेती किस्म की बुवाई के लिए नवंबर का पहला सप्ताह से लेकर 20 से 25 नवंबर तक बेहद ही उपयुक्त समय माना जाता है. इस समय की गई गेहूं की बुवाई में किसानों को कम लागत में अच्छा उत्पादन मिल जाता है. अगर किसान सही समय पर गेहूं की फसल की बुवाई करते हैं तो उनको कम लागत में अच्छा मुनाफा मिलता है. ऐसे में यह जानना भी बेहद जरूरी है कि गेहूं की बुवाई कैसे करनी चाहिए, क्योंकि सही ढंग से बुवाई करने से किसानों की लागत कम होगी और समय की भी बचत होगी.. इसके अलावा स्वस्थ फसल के लिए बीज उपचार करने के बाद ही गेहूं की फसल की बुवाई करें.
कैसे करें गेहूं के लिए खेत तैयार?
डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि धान की कटाई के बाद पराली को मल्चर की मदद से महीन महीन टुकड़ों में कुतर दें. उसके बाद एमबी प्लाऊ से खेत की गहरी जुताई कर दें. एमबी प्लाऊ से 9 से 10 इंच तक गहरी जुताई हो जाती है. उसके बाद एक से दो बार इसका डिस्क और फिर कैल्टीवेटर से जुताई कर खेत में पानी भर दें. कुछ ही दिनों में खेत जुताई के लिए फिर तैयार हो जाएगा. उसके बाद डिस्क हैरो और कल्टीवेटर से खेत की जुताई करें, जिससे मिट्टी में वायु संचार बेहतर होगा. मिट्टी भुरभुरी हो जाएगी. फिर खेत में लेजर लेवलर चलाकर खेत को समतल कर लें. जिससे कि जल निकासी बेहतर हो जाए. उसके बाद गेहूं की फसल की बुवाई की जा सकती है.
कब करें गेहूं की अगेती बुवाई?
गेहूं की अगेती किस्म की बुवाई के लिए नवंबर का पहला सप्ताह से लेकर 20 से 25 नवंबर तक बेहद ही उपयुक्त समय माना जाता है. इस समय की गई गेहूं की बुवाई में किसानों को कम लागत में अच्छा उत्पादन मिल जाता है. गेहूं की बुवाई करते वक्त किसान फसल अवशेष पराली का बेहतर निस्तारण कर लें. किसान आधुनिक कृषि यंत्र सुपर सीडर या हैप्पी सीडर से भी गेहूं की बुवाई कर सकते हैं. यह दोनों ही कृषि यंत्र गेहूं की सीधे बुवाई करते हैं. इसके लिए किसानों को खेत की जुताई नहीं करनी पड़ती.
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FIRST PUBLISHED :
October 21, 2024, 17:57 IST