नई दिल्ली. भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी पर बनी सहमति को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि यह सहमति ग्लोबल स्टेज पर डिफेंस डायलॉग की अहमियत दिखाता है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इस समझौते के तहत अब भारतीय सैनिक उन सभी जगहों पर गश्त कर सकेंगे और चरवाहे अपने मवेशियों को चरा सकेंगे, जहां जून 2020 से पहले तक जाया करते थे.
‘चाणक्य डिफेंस डायलॉग 2024’ में रक्षा मंत्री ने दोनों देशों के बीच हुए समझौते को एक ‘‘महत्वपूर्ण घटनाक्रम’’ बताया. उन्होंने कहा, ‘भारत और चीन दोनों एलएसी पर कुछ एरिया में मतभेद को दूर करने के लिए लगातार कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर बातचीत कर रहे थे. बातचीत की वजह से ही यह सहमति बनी कि समान और पारस्परिक सुरक्षा के सिद्धांत के आधार पर जमीनी हाल को बहाल किया जाए. इसमें गश्त करना, पारंपरिक क्षेत्रों में चरागाह गतिविधियों को अनुमति देना भी शामिल है. यह निरंतर बातचीत की बदौलत संभव हुआ है, क्योंकि देर-सवेर समाधान निकल ही जाएगा.’
उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गश्त और सैनिकों को पीछे हटाने पर भारत-चीन समझौते का बुधवार को समर्थन किया है. इसके साथ ही उन्होंने विभिन्न द्विपक्षीय वार्ता तंत्र को बहाल करने के निर्देश जारी किए, जो 2020 की सैन्य झड़प से प्रभावित हुए संबंधों को सामान्य बनाने के प्रयासों का संकेत देते हैं.
रूस के कजान में ब्रिक्स समिट से इतर पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच हुई करीब 50 मिनट की बैठक में भारतीय प्रधानमंत्री ने मतभेदों और विवादों को उचित तरीके से निपटाने पर बात की. इसके साथ ही उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता को भंग न होने देने के महत्व पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि आपसी विश्वास, एक-दूसरे का सम्मान और परस्पर संवेदनशीलता संबंधों का आधार बने रहना चाहिए.
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FIRST PUBLISHED :
October 24, 2024, 18:47 IST