दिवाली पर प्रतिबंधित Indian flapshell turtle प्रजाति के कछुए की तस्करी करने वाली
नोएडा: दिवाली के आसपास कुछ खास प्रजाति के कछुओं की तस्करी बढ़ जाती है. इन चीजों में विश्वास करने वालों का मानना है कि इसे घर में रखने से बरक्कत आती है और लक्ष्मी आती हैं. वैसे तो आमतौर जो लोग इन सब में विश्वास रखते हैं वो लोग धातु से बने कछुए या ओरिजनल कछुआ खरीदकर घर में रखना शुभ मानते हैं. कुछ लोग ऐसे भी हैं जो असली और संरक्षित प्रजाति के कछुओं की खरीद और बिक्री करते हैं. ऐसे ही एक मामले में थाना फेस 1 पुलिस ने दो महिलाओं को गिरफ्तार किया है.
गिरफ्तार की गई दोनों महिलाएं मां-बेटी हैं. ये मथुरा से कछुए लाकर नोएडा के सेक्टर 10 और आसपास के रिहायशी इलाकों में ऊंचे दामों पर बेच रही थीं. पुलिस और वन विभाग की संयुक्त कार्रवाई में इन महिलाओं को गिरफ्तार किया गया जिनके कब्जे से इंडियन फ्लैपशेल टर्टल (Indian flapshell turtle) प्रजाति के 14 जीवित कछुए बरामद किए गए हैं.
भगवान विष्णु के कच्छप अवतार से संबंध
आपको बता दें कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत इंडियन फ्लैपशेल टर्टल (वैज्ञानिक नाम- Lissemys punctata) प्रथम अनुसूची में संरक्षित है. इसका शिकार करना, बेचना या परिवहन करना कानूनन अपराध है. यह कछुआ हिंदू धर्म में भी विशेष महत्व रखता है क्योंकि भगवान विष्णु के कच्छप अवतार से इसका संबंध जोड़ा जाता है. दिवाली के त्योहार के आसपास इसकी मांग बढ़ जाती है क्योंकि कई लोग मानते हैं कि घर में कछुआ रखने से लक्ष्मी का वास होता है.
शुभ मानकर ऊंचे दामों पर खरीदते है लोग
महिलाओं ने पूछताछ में बताया कि दिवाली के त्योहार पर कुछ लोग कछुए को शुभ मानकर ऊंचे दामों पर खरीदते हैं. इन कछुओं को मीट के लिए भी बेचा जाता है. वन विभाग के वन दरोगा शनि गौतम ने बताया कि बरामद कछुए राज्य संपत्ति के रूप में चिन्हित हैं और इनका शिकार या बिक्री कानूनी रूप से दंडनीय अपराध है. बरामद कछुओं को जल्द ही पशु चिकित्सा उपचार के बाद गंगनहर में छोड़ा जाएगा.
दीवाली के समय बढ़ जाती है इसकी डिमांड
डीसीपी रामबदन सिंह ने बताया कि महिलाओं के पति का देहांत हो चुका है और यह मां-बेटी लंबे समय से इस अवैध व्यापार में संलिप्त थीं. ये कछुओं को पकड़कर मथुरा से लाती थीं और फिर सेक्टर 10 और आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों को ऊंचे दामों पर बेचती थीं.
ग्राहकों की मांग के अनुसार, ये कछुए को देवी लक्ष्मी की मान्यता से जोड़कर या मीट के रूप में बेच देती थीं. कछुओं की अवैध तस्करी पर वन्यजीव संरक्षण विभाग की सख्ती के बावजूद त्योहारी सीजन में इस तरह की गतिविधियां बढ़ जाती हैं. पुलिस और वन विभाग की यह संयुक्त कार्रवाई अवैध तस्करों के लिए एक कड़ा संदेश है.
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FIRST PUBLISHED :
October 24, 2024, 20:21 IST