Last Updated:January 21, 2025, 17:47 IST
US Chian Trade War: अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध से भारत को फायदे और चुनौतियां दोनों हैं. अमेरिकी प्रतिबंधों से भारत का निर्यात बढ़ सकता है, और कंपनियां निवेश शिफ्ट कर सकती हैं. लेकिन वैश्विक मंदी, कच्चे माल की बढ...और पढ़ें
हाइलाइट्स
- अमेरिका और यूएस की ट्रेड वॉर का असर भारत पर होगा
- इसका सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह का प्रभाव होगा
- भारत का निर्यात बढ़ सकता है लेकिन आर्थिक दबाव भी झेलेगा
वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर कड़े प्रतिबंधों की बात की थी. लेकिन शपथ लेने के तुरंत बाद ऐसा कोई भी निर्णय उन्होंने नहीं लिया है. उनके प्रशासन ने इस बात की जांच के आदेश दिए हैं कि क्या चीन ने उनके पहले कार्यकाल के दौरान हुए व्यापार समझौते का पालन किया है या नहीं. चीन पर सख्त प्रतिबंधों की धमकी के बीच यह ट्रंप की नीति में बड़ा बदलाव दिखाता है. अपने पहले कार्यकाल में भी ट्रंप ने चीन पर सख्त प्रतिबंध लगाए थे. लेकिन अमेरिका की ओर से लगने वाले प्रतिबंध सिर्फ चीन ही नहीं बल्कि भारत पर भी असर डालेंगे. इनका असर अच्छा और बुरा दोनों रहेगा.
2018 के बाद अमेरिका ने चीन के लगभग 11000 से ज्यादा प्रोडक्ट्स पर कई गुना टैरिफ बढ़ाए थे. चीन ने भी पलटवार करते हुए अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर टैक्स बढ़ा दिए थे. चीन के सामानों पर टैरिफ के कारण अमेरिका की सप्लाई चेन भी प्रभावित हुई थी. वहीं चीनी कंपनियों के लाभ में कमी आई थी. जर्मनी के हैम्बर्ग में स्थित अर्थशास्त्र के लिए लाइबनिज सूचना केंद्र ने 2021 में एक पेपर पब्लिश कर बताया कि अमेरिका और चीन की ट्रेडवॉर के कारण भारत का निर्यात बड़े पैमाने पर बढ़ा.
भारत के लिए क्या हो सकता है फायदा?
- चीन पर प्रतिबंध के कारण अमेरिकी कंपनियां माल और कच्चे माल के विकल्प के लिए भारत की ओर देख सकती हैं, जिससे एक बार फिर भारत का निर्यात बढ़ सकता है.
- भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स, टेक्सटाइल और केमिकल सेक्टर बड़े पैमाने पर फायदा पा सकते हैं.
- प्रतिबंधों के कारण बड़े पैमाने पर अमेरिकी बिजनेस चीन से अपना निवेश भारत समेत दूसरे देशों में शिफ्ट कर सकते हैं.
- चीनी सामान पर टैरिफ के कारण भारतीय सामान को वैश्विक बाजारों में बढ़त मिल सकती है.
भारत के लिए क्या होगी मुश्किल
चीन एक विशाल मार्केट है. इसके अलावा यह दुनिया की फैक्ट्री भी कहा जाता है. अमेरिका और चीन के बीच ट्रेडवॉर का असर पूरी दुनिया में महसूस होगा. इस कारण एक ग्लोबल इकोनॉमिक स्लोडाउन देखने को मिल सकता है. भारत पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव ही होगा. भारत के निर्यात को यह प्रभावित कर सकते हैं. भारत चीन को कपास, रसायन और आयरन ओर जैसा कच्चा माल निर्यात करता है. मंदी के कारण चीन में इसकी डिमांड कम हो सकती है. अमेरिकी टैरिफ के कारण अगर चीन का सामान महंगा होता है तो पूरी दुनिया में इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी और कच्चे माल जैसे उत्पादों की कीमत बढ़ सकती है. भारतीय आयातकों पर भी इसका असर पड़ेगा.
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New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
January 21, 2025, 17:47 IST