जमशेदपुर में धूम मचा रहा झारखंड का फेमस धुस्का
आकाश कुमार, जमशेदपुर: जमशेदपुर, झारखंड का एक प्रमुख औद्योगिक शहर, हमेशा से खाने-पीने के शौकीनों के लिए कई तरह के व्यंजनों का केंद्र रहा है. चाहे वह साउथ इंडियन हो, चाइनीज, मुगलई या तंदूरी—हर तरह का खाना यहां पसंद किया जाता है. लेकिन हाल के दिनों में, एक पारंपरिक झारखंडी व्यंजन, धुस्का, शहर के लोगों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. इस स्वादिष्ट व्यंजन का आनंद लेने के लिए लोग बड़ी संख्या में बसंत टॉकीज के पीछे स्थित नीलम देवी के स्टॉल पर शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक जुटते हैं.
नीलम देवी की धुस्का की अनोखी शुरुआत
हजारीबाग की निवासी नीलम देवी ने दो महीने पहले जमशेदपुर में अपना छोटा सा स्टॉल शुरू किया था. इससे पहले, उनके पति अंडे बेचने का काम करते थे, लेकिन कम मुनाफे के कारण उन्हें कुछ नया करने की आवश्यकता महसूस हुई. नीलम देवी ने अपने गांव का पारंपरिक व्यंजन, धुस्का, जमशेदपुर के लोगों तक पहुंचाने का निर्णय लिया. उनका यह प्रयास न केवल सफल रहा, बल्कि धुस्का अब शहर का एक अनोखा स्वाद बन गया है, जिसे लोग बड़े चाव से खाते हैं.
धुस्का की खासियत और तैयारी
धुस्का, झारखंड का पारंपरिक नाश्ता है, जो उड़द दाल और चावल के मिश्रण से बनाया जाता है. इसे बनाने के लिए सबसे पहले दाल और चावल को भिगोकर पीसा जाता है और घोल तैयार किया जाता है. इसके बाद, इस घोल को गर्म तेल में तलकर कुरकुरा बनाया जाता है. नीलम देवी अपने धुस्के को खास तरीके से आलू-चना की सब्जी और धनिया-पुदीना की चटनी के साथ परोसती हैं, जो इस व्यंजन को और भी लाजवाब बना देता है.
जमशेदपुर के लोग इस झारखंडी स्वाद को बेहद पसंद कर रहे हैं. शहर में इस तरह का पारंपरिक व्यंजन बहुत कम मिलता है, और यही वजह है कि नीलम देवी का स्टॉल खासकर स्थानीय लोगों के बीच बहुत तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. धुस्का की एक और खासियत इसका किफायती दाम है—मात्र 10 रुपये में एक पीस धुस्का, जो स्वाद और किफायत का बेहतरीन संयोजन है.
ग्राहकों की राय
नीलम देवी के स्टॉल पर धुस्का का स्वाद चखने आए ग्राहकों का कहना है कि उन्होंने पहले कभी ऐसा स्वाद नहीं चखा था. एक ग्राहक ने कहा, “मैंने पहली बार धुस्का खाया और इसका स्वाद मेरे लिए बिल्कुल नया था. अब जब भी कुछ अलग खाने का मन करता है, मैं यहां आ जाता हूं.” लोगों का मानना है कि सस्ते और स्वादिष्ट नाश्ते ने उन्हें एक नया विकल्प दिया है. खासकर उन लोगों के बीच यह बेहद लोकप्रिय हो रहा है, जो हल्का, पौष्टिक और झटपट तैयार होने वाला स्नैक पसंद करते हैं.
धुस्का की बढ़ती लोकप्रियता और नीलम देवी की सफलता
नीलम देवी के स्टॉल पर धुस्का की बढ़ती लोकप्रियता ने उन्हें न केवल आर्थिक रूप से मजबूत किया, बल्कि झारखंडी व्यंजनों को भी जमशेदपुर में एक नई पहचान दिलाई है. उनका यह प्रयास इस बात का उदाहरण है कि यदि कोई अपनी सांस्कृतिक धरोहर को सही ढंग से प्रस्तुत करे, तो वह बड़े स्तर पर लोगों के दिलों में जगह बना सकता है.
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FIRST PUBLISHED :
October 23, 2024, 16:56 IST