दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण की वजह से लोगों का सांस लेना मुहाल हो गया है. शहर की आबोहवा को जहीरीली होते देख अब दिल्ली सरकार ने वर्क फ्रॉम होम पर फैसला लिया है. इस बारे में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने जानकारी देते हुए लिखा कि प्रदूषण कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने सरकारी दफ़्तरो में वर्क फ्रॉम होम का निर्णय लिया है. 50% कर्मचारी घर से काम करेंगे. इसके इम्पलिमेंटेशन के लिए सचिवालय में आज दोपहर 1 बजे अधिकारियों के साथ बैठक होगी.
प्रदुषण कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने सरकारी दफ़्तरो में वर्क फ्रॉम होम का लिया निर्णय
50% कर्मचारी करेंगे घर से काम
इसके इम्पलिमेंटेशन के लिए सचिवालय में आज दोपहर 1 बजे अधिकारियों के साथ होगी बैठक
— Gopal Rai (@AapKaGopalRai) November 20, 2024दिल्ली की हवा में घुला जहर
दिल्ली की हवा दिन (Delhi Air Pollution) पर दिन खराब होती जा रही है. ठंड बढ़ने के साथ ही दिल्ली की आबोहवा और जहरीली होती जा रही है. शहर की जहरीली हवा का लोगों की सेहत पर भी बुरा असर होने लगा है. लगातार पिछले 8 दिनों से दिल्ली में एक्यूआई (Delhi AQI) खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. आज सुबह भी दिल्ली का औसत तापमान 421 दर्ज किया गया. बीते दिन तो हालात और खराब थे, जब सुबह में शहर का औसत एक्यूआई 495 पहुंच गया था. जो कि जो इस मौसम में अभी तक के एक्यूआई का सबसे खराब स्तर है.
कृत्रिम बारिश कराने पर विचार
दिल्ली में वायु प्रदूषण मंगलवार को भी खतरनाक स्तर में रहने के बीच दिल्ली सरकार ने शहर में कृत्रिम बारिश कराने पर जोर दिया और सामान्य जनजीवन को प्रभावित करने वाले इस संकट से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की. दिल्ली की वायु गुणवत्ता में आज जरूर थोड़ा सुधार हुआ है लेकिन एयर क्वालिटी इंडेक्स अभी भी खराब स्तर पर है, जिसका लोगों की सेहत पर बुरा असर हो रहा है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्र से स्थिति से निपटने के लिए एक आपातकालीन बैठक बुलाने और राष्ट्रीय राजधानी में कृत्रिम बारिश कराने को मंजूरी देने का आग्रह किया.
पीएम 2.5 का सेहत पर बुरा असर
शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'बहुत खराब', 401-450 को 'गंभीर' और 450 से ऊपर को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. मंगलवार को शाम 4 बजे सीपीसीबी के आंकड़ों में पीएम 2.5 का स्तर 307 दर्ज किया गया, जो प्रमुख प्रदूषक है. पीएम 2.5 कणों का व्यास 2.5 माइक्रोमीटर या उससे कम होता है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, ये कण फेफड़ों में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं और रक्तप्रवाह में प्रवेश कर सकते हैं, जिससे स्वास्थ्य को गंभीर खतरा हो सकता है.
अलीपुर, आनंद विहार, अशोक विहार, बवाना, द्वारका सेक्टर 8, इहबास, दिलशाद गार्डन, जहांगीरपुरी, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम, मंदिर मार्ग, मुंडका, नजफगढ़, नरेला, नेहरू नगर, पटपड़गंज, पंजाबी बाग, रोहिणी, सिरी फोर्ट और वजीरपुर जैसे क्षेत्रों में निगरानी स्टेशनों ने एक्यूआई के स्तर को 'बेहद गंभीर' श्रेणी में बताया. अधिकारियों ने कहा कि इस बीच, दिल्ली सरकार ने अपने सभी अस्पतालों को गंभीर वायु प्रदूषण के कारण सांस की बीमारियों वाले रोगियों के लिए विशेषज्ञों की टीम गठित करने का निर्देश दिया है.