Darbhanga
अभिनव कुमार/दरभंगा: जिले की पार्वती देवी अपनी मेहनत और हुनर से जंगल में पाई जाने वाली सीकी से विभिन्न उत्पाद बनाकर एक सफल व्यवसाय चला रही हैं. उन्होंने इस काम के लिए विशेष प्रशिक्षण भी लिया है. पार्वती देवी के अनुसार, सीकी को लोग अक्सर जंगल झाड़ समझते हैं, लेकिन वह इसे सौंदर्य और वातावरण को संवारने वाले उत्पादों में बदलकर अच्छी आमदनी कर रही हैं.
सीकी की प्रोसेसिंग और रंगाई
पार्वती देवी ने बताया कि सीकी को जंगलों से खरीदने के बाद उसे रंगने और तैयार करने में काफी मेहनत लगती है. सीकी की कीमत ₹500 प्रति किलो है. इसे पानी में उबालकर उसमें रंग मिलाया जाता है, फिर इसे सुखाया जाता है. इस प्रक्रिया के बाद सीकी से विभिन्न वस्तुएं तैयार की जाती हैं.
उत्पाद और कीमतें
सीकी से बने उत्पादों की रेंज में चंगेरी, फूलदान, रोटी का डिब्बा, गुलदस्ता, पंखा और सजावटी वस्तुएं जैसे कछुआ और मछली शामिल हैं.
– फूलडलिया:
– छोटा: ₹150
– मीडियम: ₹300
– बड़ा: ₹700-₹900
– रोटी का डिब्बा:
– छोटा: ₹500
– मीडियम: ₹700
– बड़ा: ₹900
– चंगेरी:
– छोटा: ₹700-₹800
– बड़ा: ₹2,000
– गुलदस्ता:
– छोटा: ₹400-₹500
– बड़ा: ₹1,000
– सिकी ट्रे: ₹800-₹1,000
– पंखा: ₹300
– मछली: ₹700
– कछुआ: ₹800
आत्मनिर्भरता का उदाहरण
पार्वती देवी न केवल अपनी आजीविका कमा रही हैं, बल्कि यह भी साबित कर रही हैं कि जंगल की उपज को सही ढंग से उपयोग में लाया जाए, तो रोजगार और आत्मनिर्भरता के नए रास्ते खोले जा सकते हैं. उनके बनाए उत्पाद न केवल स्थानीय स्तर पर लोकप्रिय हैं, बल्कि इनकी डिमांड बाहर भी बढ़ रही है.
प्रेरणा बनी पार्वती देवी
पार्वती देवी का यह प्रयास दिखाता है कि छोटे स्तर पर भी व्यवसाय शुरू कर, मेहनत और सृजनात्मकता से सफलता पाई जा सकती है. उनके द्वारा तैयार किए गए उत्पाद न केवल सुंदर हैं, बल्कि उनकी कीमत भी उचित है, जो ग्राहकों को आकर्षित करती है.
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FIRST PUBLISHED :
November 24, 2024, 20:58 IST