Oran conservation: ओरण बचाने के रण में रवींद्र भाटी के आने से बढ़ी राजनैतिक हलचल, पुश्तैनी जमीन के लिए मरने-मारने को उतारू, बईया के ग्रामीणों ने सरपंच पर लगाया कंपनी से मिलीभगत का आरोप
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Oran conservation: ओरण बचाने के रण में रवींद्र भाटी के आने से बढ़ी राजनैतिक हलचल, पुश्तैनी जमीन के लिए मरने-मारने को उतारू, बईया के ग्रामीणों ने सरपंच पर लगाया कंपनी से मिलीभगत का आरोप
जैसलमेर के देगराय ओरण में चराई करते हुए पशु
जैसलमेर. रेगिस्तान की कल्पना रेत के टीलों के बीच पसरे सूखे प्रदेश के रूप में की जाती है. वास्तविकता इससे कुछ अलग है. मरुस्थल की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार यहां जंगल हैं जिस पर यहां की आबादी और पशुधन निर्भर करते हैं. पिछले कुछ सालों में विकास के नाम पर यहां वनों की कटाई जारी है. जैसलमेर के जंगलों की जमीन सरकार कभी सोलर,कभी विंड कंपनियों के हाथों तो कभी सीमेंट कंपनियों के हाथों बेच दे रही है. इससे यहां के मरुस्थलीय पर्यावरण को नुकसान हो रहा है.
ओरण को बचाने के लिए दशकों का संघर्ष
जैसलमेर के लोग पिछले एक दशक से ओरण को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे है. यहां कई गांवों में ग्रामीणों के आजीविका से जुड़ी ओरण की जमीन निजी कंपनियों के हाथों बेची जा चुकी है. करीब आठ महीने पहले जैसलमेर से 50 किलोमीटर दूर पारेवर गांव की जमीन पर सीमेंट प्लांट स्थापित होने के बाद गांव वालों ने इसका विरोध किया था. गांव वालों का दावा है कि जमीन उनके पूर्वजों द्वारा पशुओं के चरने हेतु ओरण के रूप में छोड़ी गई थी. जैसलमेर के कई गावों की तरह अब पारेवर गांव का मामला भी कोर्ट में लंबित है और उस गांव में सीमेंट प्लांट स्थापित हो चुका है.
भाटी के खिलाफ आरोप दर्ज
आठ महीने बाद एक बार फिर जैसलमेर जिला मुख्यालय से 97 किलोमीटर दूर बसिया क्षेत्र के बईया गांव की जमीन पर निजी कम्पनी द्वारा सोलर प्लांट का जीएसएस लगाने का काम शुरू किया जा रहा था. गांव वालों ने इसका विरोध करके रुकवा दिया है. शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने भी विरोध को अपना समर्थन दिया है. भाटी द्वारा दो गिरफ्तार लोगों को पुलिस की गाड़ी से उतारने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था. मामले को लेकर जैसलमेर एसपी सुधीर चौधरी ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए उन पर राजकार्य में बाधा पहुंचाने की बात कही थी और नियमानुसार विधिक कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे. भाटी के खिलाफ झिंझियाली थाने में रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई है जिसमें राज कार्य में बाधा डालने सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है.
अनिश्चितकालीन धरना जारी
जैसलमेर में उनके आने से राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज है कि अपनी जमीन तलाशने के लिए मामले को तुल दे रहे हैं. फिलहाल बईया गांव के लोगों ने कंपनी के काम को रुकवा दिया है और गांव में पिछले दस दिनों से अनिश्चितकालीन धरना जारी है. बईया गांव के साथ जैसलमेर के विभिन्न गावों के लोग ओरण बचाने की इस लड़ाई में शामिल हो चुके हैं.
सरपंच के खिलाफ गांव वालों ने खोला मोर्चा
लोकल 18 द्वारा बईया गांव के सरपंच से संपर्क नहीं होने पर उनके पिता से जानकारी मिली कि कम्पनी ने बसिया क्षेत्र जिसमें बईया गांव सहित गाले की बस्ती और मगरा गांव में 8000 बीघा जमीन खरीदी है. इसमें बसिया गांव की 2000 बीघा जमीन है. जानकारी के मुताबिक गांव वालों ने सरपंच के खिलाफ भी मोर्चा खोल रखा है. गांव वालों के मुताबिक सरपंच ने कंपनी से मिलीभगत करके गांव के ओरण की जमीन बेच दी है तो वहीं सरपंच के पिता खेत सिंह का कहना है कि उन्होंने अपनी खुद की 72 बीघा जमीन कंपनी को बेची है .
Tags: Forest area, Jaisalmer news, Local18, News 18 rajasthan live
FIRST PUBLISHED :
November 22, 2024, 18:06 IST