झारखंड पुलिस के 'योद्धा' का निधन, कोरोना काल में नहीं की थी जान की परवाह

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राजेश

राजेश कुमार सिन्हा (फाइल फोटो)

रांची. झारखंड पुलिस के लिए 26 नवंबर 2024 का दिन निराशा भरा रहा, क्योंकि ‘योद्धा’ कहे जाने वाले इंस्पेक्टर राजेश कुमार सिन्हा का निधन हो गया है. राजेश कुमार सिन्हा कोराना काल में लोगों की निस्वार्थ सेवा के कारण काफी चर्चा में आए थे. कोरोना काल के दौरान रांची के डेली मार्केट थाना प्रभारी के रूप में उन्होंने लोगों की खूब मदद की थी. मंगलवार को जमशेदपुर के एक अस्पताल में उनका निधन हो गया.

निधन की खबर से पुलिस जगत में शोक की लहर दौड़ गई . रांची के लोगों के बीच उनकी काफी सकारात्मक छवि थी. राजेश कुमार सिन्हा के बैचमेट और उनके सहयोगी अक्षय राम बताते हैं, ऐसा व्यक्ति ढूंढना बड़ा मुश्किल है. कोविड काल में जब एक-दूसरे को लोग छुते नहीं थे, उस समय जो भी थाने में उनके पास गया, राजेश भाई ने उसको खिला-पिला कर व दवाई देकर ही भेजा. जहां जिसको जैसी जरूरत पड़ी वह उपस्थित रहे. डरते नहीं थे कि कोरोना में उनको कुछ हो जाएगा.

लोगों के दिलों पर राज किया
अक्षय बताते हैं, राजेश जी ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने सबके दिलों पर राज किया. जहां भी रहते थे, आसपास के सभी लोगों को अपने परिवार का सदस्य मानते थे. किसी के साथ कुछ भी हो जाए तो ऐसा लगता था मानो अपने परिवार के साथ कुछ हो गया हो. उसके लिए हर संभव मदद करने के लिए जी-जान से लग जाते थे.

मूंछ के शौकीन थे
आगे बताया, राजेश भाई अपनी यूनिक मूंछ के स्टाइल के लिए भी फेमस थे. उन्हें मूंछें रखना बेहद पसंद था. वह बढ़िया से अपनी मूंछों को रेगुलर बनवाया करते थे. मूछों से उनको बड़ा प्यार था. हम लोग मजाक से भी कहते थे… अगर मूंछें हो तो राजेश जैसी हो वरना न हो…

हमेशा दिलों में जिंदा रहेंगे राजेश
अक्षय बताते हैं, राजेश भले शरीर से यहां नहीं हैं, लेकिन हमारे दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे. शायद ही कोई कांस्टेबल या पुलिस अधिकारी हो जो उन्हें न जानता हो. सबके मन में आज बहुत ही गहरा दुख है. ड्यूटी के साथ-साथ ऑफ ड्यूटी भी किस तरह लोगों के लिए 24 घंटा खड़े रहना है, यह हमने उनसे सीखा है. कोरोना काल में और 24*7 लोगों के लिए उपलब्ध रहे. थाने के बाहर ही लोगों को खिलाने का काम करते थे व अपने हाथों से खिलाते थे.

हार्ट अटैक बना मौत की वजह
बताते चलें कि राजेश कुमार 1994 बैच के पुलिस अधिकारी रहे. उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई जमशेदपुर से ही पुरी की. जमशेदपुर के कदमा में पत्नी और बेटा-बेटी के साथ रहा करते थे. उनके दोनों बच्चे फिलहाल दिल्ली में नौकरी करते हैं. पिछले साल ही उनकी पोस्टिंग रांची से धनबाद के साइबर क्राइम ब्रांच में हो गई थी. चार दिन पहले ही वह इलेक्शन ड्यूटी में भी पूरे उत्साह के साथ काम करते दिखे थे. कुछ दिनों की छुट्टी में वह अपने परिवार के पास जमशेदपुर आए थे. अचानक से हार्ट अटैक आया और जब अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया.

Tags: Jharkhand Corona Warriors, Jharkhand Police, Local18, Ranchi news

FIRST PUBLISHED :

November 26, 2024, 22:56 IST

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