Mumbai News: डॉकयार्ड के कर्मचारी करते थे इस जगह पढ़ाई, बाद में बन गया मुंबई का सबसे मशहूर लाइब्रेरी
मुंबई के इस लाइब्रेरी का नाम एक यहूदी के नाम पर रखा गया है
मुंबईः मायानगरी मुंबई में मौजूद ऐतिहासिक जगहों में केवल किले या गुफाएं ही नहीं बल्कि कुछ ऐसी भी जगह हैं जिससे मुंबई में रहने वाले लोगों को आज तक लाभ मिल रहा है. हम बात कर रहे हैं एक लाइब्रेरी की इस लाइबरी का नाम ससुन लाइब्रेरी है. इसका नाम एक यहूदी डेविड ससून के नाम पर रखा गया है. यह 1830 के करीब मुंबई आए और यहां कारोबार करने लगे. ससुन लाइब्रेरी मुंबई में स्थित एक मशहूर लाइब्रेरी है. जिसका निर्माण आज से 156 वर्ष पहले हुआ था. यह प्रसिद्ध पुस्तकालय एक विरासत संरचना है. डेविड ससून का जन्म 1792 में एक यहूदी परिवार में हुआ था.
इस लाइब्रेरी में किताब पढ़ने आए मनोहर पाटिल ने Local 18 से बताया कि कोई भी इस लाइब्रेरी में किताब पढ़ने आ सकता है. इस लाइब्रेरी में 10 हज़ार से भी अधिक किताबें है. इस लाइब्रेरी की मेम्बरशिप लेना अनिवार्य है. इस लाइब्रेरी की एक साल की मेम्बरशिप फीस 8 हज़ार है. इस लाइब्रेरी की बनावट में जानवरों की आकृति से सजे स्तंभ और बर्मा सागौन की लकड़ी से बने जटिल रूप से डिज़ाइन किए गए ट्रस और छत हैं. यह लाइब्रेरी अपने विक्टोरियन स्टाइल सजावट के लिए भी जानी जाती है.
एक यहूदी के नाम से लाइब्रेरी
1847 में मुंबई में सरकारी टकसाल और डॉकयार्ड में काम करने वाले यूरोपीय कर्मचारियों ने वयस्कों को तकनीकी शिक्षा प्रदान करने और व्याख्यान आयोजित करने के लिए मैकेनिक्स इंस्टीट्यूशन की शुरुआत की. प्रारंभ में वे पट्टे पर दिए गए परिसर से काम करते थे. जब तक कि वे अपनी सुविधा में स्थानांतरित नहीं हो गए, जो डेविड सैसून के समर्थन से संभव हुआ. बाद में इस प्रतिष्ठान का नाम डेविड सैसून लाइब्रेरी और रीडिंग रूम रख दिया गया.
Tags: Local18, Mumbai News
FIRST PUBLISHED :
September 23, 2024, 17:56 IST