ताकि उज्‍जैन कुंभ 2028 में ना हो हादसा, वो 4 सलाहें, जो CM को खास भेजी गईं..

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Last Updated:January 31, 2025, 11:44 IST

Ujjain Kumbh Simhastha 2028 : पुजारी महासंघ ने यह सुझाव सीएम मोहन यादव को दिए हैं. उनका मानना है कि इन पर विचार करके और उचित कदम उठाकर मध्य प्रदेश सरकार उज्‍जैन कुंभ में भी महाकुंभ जैसे हादसे होने से बचा सकती ह...और पढ़ें

ताकि उज्‍जैन कुंभ 2028 में ना हो हादसा, वो 4 सलाहें, जो CM को खास भेजी गईं..

जानें सीएम मोहन यादव को क्‍या-क्‍या सलाहें दी गईं…

उज्जैन: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में हुई भगदड़ की घटना ने 30 लोगों की जान ले ली. इस घटना में कई लोग घायल भी हुए, जिसमें कुछ गंभीर भी हैं. इस हादसे ने आगामी सिंहस्थ 2028 यानि उज्‍जैन कुंभ मेला को लेकर भी चिंताएं बढ़ा दी हैं. इस महा आयोजन में भी ऐसी कोई दुर्घटना ना हो, इसको लेकर विचार शुरू हो गया है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पुजारी ने इसी बारे में एक खत भी लिखा है. उन्‍होंने इस पत्र में कई सुझाव सीएम यादव को दिए हैं. उनका मानना है ऐसा करने से प्रयागराज महाकुंभ जैसे हादसे से बचा सकता है. आइये जानते हैं उनकी ओर से दी गई सलाहों के बारें में…

पहला सुझाव : अखाड़ों की पेशवाई बंद हो..
स्नान के समय अखाड़ों की पेशवाई को बंद किया जाना चाहिए. साधु संतों को साधारण रूप से अपने अनुयायियों, यजमानों के बिना पैदल ही स्नान करने जाना चाहिए.

दूसरा सुझाव : क्षिप्रा का विभाजन
जब क्षिप्रा सभी स्थानों पर पवित्र है तो तेरह अखाड़ों के लिए अलग-अलग स्थानों में जैसे शैव दल को नृसिंह घाट से लेकर त्रिवेणी तक और रामा दल को मंगलनाथ क्षेत्र में बांट दिया जाना चाहिए.

तीसरा सुझाव : शंकराचार्यों को प्राथमिकता
रामघाट पर सबसे पहले सिर्फ सनातन धर्म के सर्वोच्च चारों शंकराचार्यों को ही स्नान की अनुमति दी जानी चाहिए, अन्य अखाड़ों को नहीं.

चौथा सुझाव : वीआईपी बैन
सभी वीआईपी, वीवीआईपी को मेला क्षेत्र में प्रतिबंधित किया जाना चाहिए, जिससे आम श्रद्धालु अपनी भावना और आस्था के साथ सुरक्षित रूप से क्षिप्रा में पुण्य स्नान का लाभ ले सकें.

दरअसल, महासंघ का मानना है कि अखाड़ों की पेशवाई और वीआईपी आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने से भीड़ को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी, जिससे भगदड़ की संभावना कम हो जाएगी. साथ ही साधु संतों और श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग स्नान घाटों को तय कर दिए जाने से सुरक्षित और सुचारू रूप से स्नान सुनिश्चित किया जा सकेगा. अगर वीआईपी प्रतिबंध होगा, तो आम श्रद्धालुओं को बिना किसी रूकावट के अपने धार्मिक कामों को करने का अवसर मिलेगा.

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Ujjain,Ujjain,Madhya Pradesh

First Published :

January 31, 2025, 11:44 IST

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