दिन में कितनी बार शौच करते हैं आप? अपनी सेहत का पूरा राज जान सकते हैं इससे

2 hours ago 1

How Many Time Should spell For Toilet: शौच करना सामान्य प्रक्रिया है लेकिन टॉयलेट आप दिन में कितने बार जाते हैं, इसमें आपकी सेहत का पूरा राज छिपा हुआ है. वाशिंगटन स्टेट के शोधकर्ताओं ने 1400 लोगों के टॉयलेट जाने की गतिविधियों पर एक अध्ययन किया और देखा कि जो लोग दिन में एक बार टॉयलेट जाते हैं या दो बार जाते हैं या तीन बार जाते हैं, उनका ऑवरऑल हेल्थ कैसा है. अध्ययन में शौच की गतिविधियों से जुड़ी कई हैरान करने वाली बातें सामने आई. स्टडी में पाया गया कि जो लोग दिन में एक या दो बार टॉयलेट जाते हैं वे परफेक्ट हेल्थ के मालिक हैं. यह आदत उनलोगों में ज्यादा होती है जो नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हैं, फाइबर वाली सब्जियों का सेवन करते हैं और पर्याप्त पानी पीते हैं. वहीं जो लोग इस तरह के काम नहीं करते हैं, वे या तो बहुत कम शौच करने जाते हैं या बहुत ज्यादा. यानी आप दिन में कितने बार शौच करते हैं या नहीं करते है, इससे आपकी पूरी हेल्थ जुड़ी हुई है.

शौच से जुड़ा है पूरी बॉडी का सिस्टम
डेलीमेल की खबर के मुताबिक अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों को कब्ज की शिकायत रहती है, या जो लोग दिन में तीन या उससे ज्यादा बार टॉयलेट जाते हैं, उनकी आंत में जहरीले बैक्टीरिया भरे होते हैं, ये बैक्टीरिया न सिर्फ अंदरुनी अंगों को डैमेज करने लगते हैं बल्कि इससे मानसिक स्वास्थ्य भी खराब रहता है. ऐसे लोग अक्सर डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं. सिएटल में इंस्टीट्यूट फॉर सिस्टम बायोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर और इस स्टडी के लेखर डॉ. सीन गिबॉन्स ने बताया कि इस अध्ययन से यह पता चलता है कि किस तरह शौच करने की आदत बॉडी के पूरे सिस्टम को प्रभावत करती है और इसकी तीव्रता से शरीर में क्रोनिक बीमारियों का खतरा बढ़ता है.

रेगुलर एक्सरसाइज और फाइबर महत्वपूर्ण
इस तरह इस अध्ययन से शौच करने की गतिविधियों से डॉक्टर अंदाजा लगा सकते हैं कि व्यक्ति को किस तरह की अंदरुनी परेशानी हो सकती है. इससे हेल्थ की दशा में सुधार आ सकती है. यह अध्ययन 19 से 89 साल की उम्र के बीच 1425 वयस्क लोगों पर किया गया जिनमें 65 प्रतिशत महिलाएं थीं. शोधकर्ताओं ने इन लोगों के स्टूल और ब्लड सैंपल की जांच की और पाया कि एक्सरसाइज, खान-पान, लाइफस्टाइल का सीधा प्रभाव स्टूल पास करने पर पड़ता है. अध्ययन में जो लोग सही तरीके से फायबर युक्त भोजन ले रहे थे, सही से एक्सरसाइज कर रहे थे और पर्याप्त पानी पी रहे थे, उनकी आंतों में गुड बैक्टीरिया की संख्या ज्यादा थी. ये लोग गोल्डीलॉक जोन में थे. यानी इनका बाओल मूवमेंट की फ्रीक्वेंसी ठीक थी. ये लोग दिन में एक बार या कभी-कभार दो बार शौच करने जाते थे. हालंकि जो लोग कब्ज के शिकार थे या जिन लोगों को बार-बार टॉयलेट आ रहा था या डायरिया था, उनकी आंत में प्रोटीन का फर्मेंटेशन हो जाता था जिसके कारण जहरीले बैक्टीरिया कार्बोहाइड्रैट और शुगर को तोड़ देते थे. इस कारण इन लोगों को हमेशा पेट संबंधी कुछ न कुछ परेशानियां रहती थी.

इसे भी पढ़ें-क्या ऐसा खाएं कि पेट भरा भी रहे और वजन भी न बढ़े, ताकत भी मिले भरपूर, चाहते है ऐसा तो जान लीजिए फुल लिस्ट

इसे भी पढ़ें-सुबह उठते ही पी लेते हैं फ्रूट जूस? किडनी में बन सकता है पत्थर, डॉक्टर की बात मानें और करें ये काम

Tags: Health, Health tips, Lifestyle

FIRST PUBLISHED :

October 3, 2024, 18:51 IST

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article