इजरायल का निशाना ईरानी मिसाइल साइलो, लॉन्चर पैड, सुप्रीम लीडर भी टार्गेट पर

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News18)इजरायल के निशाने पर इस वक्त ईरान के मिसाइल ठिकाने हैं. (Image:News18)

नई दिल्ली. इजरायल और इरान के बीच जंग हाइपरसोनिक स्टेज पर पहुंच चुकी है. जो मिसाइल तकनीक चंद देशों के पास है, तो उसकी मार से बचने का उपाय शायद ही किसी के पास है. इसका नजारा 1 अक्टूबर की शाम को इजरायल के आसमान और जमीन पर साफ दिखाई दिया. एक साथ 200 के करीब हाइपरसोनिक बैलेस्टिक मिसाइल की मानों बारिश सी इजरायल पर ईरान ने कर दी. दुनिया के सबसे घातक हाइटेक एयर डिफेंस सिस्टम ने काफी हद तक उन्हें रोकने की कोशिश जरूर की. लेकर सौ फीसदी सफलता मिली, ये कहना मुश्किल है. क्योंकि दोनों देशों के दावे अलग- अलग हैं. इजराइली एयरफोर्स ने जिस तरह लेबनान और यमन में गदर मचाया तो रणनीति के तहत ईरान ने उसको ही निशाना बनाया.

अब बारी इजरायल की
जानकारों की मानें तो भले ही इजरायली ईरान के ऑयल रिंग और न्यूक्लियर इंस्टॉलेशन को हिट करने की बात कह रहा हो, लेकिन कौन सा ऐसा देश होगा कि वो पहले से ही बता कर हमला करेगा. साफ बात ये है कि सरप्राइज एलिमेंट अगर हमले में नहीं होगा तो वो हमला कभी सफल नहीं होने वाला है. लिहाजा इजरायल के निशाने पर कुछ और ही है. जानकारों की मानें तो इजरायल ईरान के उन बैलिस्टिक मिसाइल साइलों और उनके एम्यूनेशन डंप को सबसे पहले निशाना बनाएगा.

बंकर बस्टर बम का इस्तेमाल
नसरल्लाह को ढेर करने के बाद ये मेसेज दे दिया गया है कि कोई जमीन के नीचे भी क्यों ना छिपा हो, उसे खोजा जाएगा और खत्म कर दिया जाएगा. नसरल्लाह के मारे जाने के बाद ईरान के सुप्रीम लीडर को भी डर सताने लगा है और उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें सुरक्षित जगह पर रखा गया है. तेहरान में घुसकर हमास के चीफ इस्माइल हानिया को ढेर करने के बाद से ही इरान को इजरायल की कूबत का पता चल गया.

इजरायल के संभावित टार्गेट- मिसाइल बेस
ईरान में दो दर्जन से ज्यादा ऐसी साइट हैं, जहां मिसाइल की स्टोरेज, प्रोडक्शन, सायलो और टेंस्टिग रेंज मैजूद है. उसमें सबसे पहले टार्गेट पर होगा अंडरग्राउंड मिसाइल बेस. जानकारी के मुताबिक दुनिया की नजर से छिपाने के लिए ईरान ने अपने सभी मिसाइल स्टोरेज फैसिलिटी और साइलों को जमीन से 500 मीटर नीचे पहाड़ी और घाटी के इलाकों में बनाया है. कर्मनशाह में ईरान के 3 अंडरग्राउंड बैलिस्टिक मिसाइल बेस हैं. इसे बख्तरन (Bakhtaran) मिसाइल बेस के तौर पर जाना जाता है. रिपोर्ट के मुताबिक केनेष्ट (kenesht) घाटी में बैलिस्टिक मिसाइल स्टोरेज और लॉन्चिंग साइट है. ये लोकेशन इराक से महज 150 किलोमीटर दूर है. यहां पहाड़ों के नीचे दर्जनों मिसाइल बंकर मौजूद हैं, जो कि सैटेलाइट की नजर में नहीं आते. इस बेस पर फतेह 110 शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल की तैनाती है. तकरीबन 60 से ज़्यादा मिसाइल बंकर इस इलाके में मौजूद हैं. इसी करमनशाह इलाके में जो दूसरी फेसिलिटी है वो है पंज पेले ( panj pelleh) में मौजूद है. इसमें 80 से ज्यादा बंकर मौजूद हैं. यहां कियाम ( Qiam-1) और फतेह-110 के अंडरग्राउंड साईलों मौजूद हैं.

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इसी इलाके में अंडरग्राउंड मिलेट्री फेसेलिटी भी मौजूद है. करमनशाह शहर को एरियल अटैक से बचाने के लिए एंटी एयरक्राफ़्ट मिसाइल बैटरी हर वक्त चौकन्नी रहती है. दूसरे टार्गेट के तौर पर खोर्रामाबाद ( Khorramabad) की इमाम अली मिसाइल साइलो बेस भी हो सकता है. इस मिसाइल बेस की लोकेशन ऐसी जगह है, जहां से तेल अवीव महज 1265 किलोमीटर तो इराक बॉर्डर 195 किलोमीटर. इस पूरे इलाके में जमीन के अंदर लगभग मिसाइलों का पूरा एक शहर सा बसा हुआ है. हर तरह की बैलिस्टिक मिसाइल का लॉन्च साइट यहां पर बनाया गया है. इस अंडरग्राउंड कांप्लेक्स में कुल 8 टनल हैं. यहां 1300 किलोमीटर मार करने वाली मिसाइल तैनात है. बंकर बर्स्ट एम्यूनेशन से बचने के लिए ही ईरान ने अपने मिसाइल बेस को पहाड़ों के नीचे बनाया है ताकी एक नेचुरल डिफेंस हमेशा मिलता रहे.

ईरान के एयरबेस भी निशाने पर
किसी भी देश तो जंग में घुटने पर लाना हो तो फर्स्ट रेस्पॉन्डर कहे जाने वाले एयरफोर्स और एयर बेस को खत्म कर दो. ईरान ने भी इजरायल के साथ एसा ही किया. ज़्यादातर मिसाइलें उन एयर बेस पर दागी गईं जहां से पूरे लेबनान और यमन तक आंतकियों के खिलाफ एयर ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा था. जाहिर सी बात है कि इजरायल के निशाने पर भी ऐसे ही एयर बेस होंगे जहां से इरानी वायुसेना ऑपरेट करती है. रिपोर्ट के मुताबिक 17 एयर बेस ईरान के अलग-अलग इलाक़ों में हैं. और ये सब टैक्टिकल एयर बेस हैं.

ईरानी एयर डिफेंस हाई अलर्ट पर
ईरान को इजरायली पलटवार का यकीन है. लिहाजा उसने अपने सभी महत्वपूर्ण सैन्य और महत्वपूर्ण इंस्टालेशन की सुरक्षा कई गुना बढ़ा दिया है. ईरान के पास शर्ट रेंज लो ऑल्टिट्यूड Azarakhsh यानी की थंडरबोल्ट को एक्टिव किया हुआ है. इसके अलावा सर्फेस टू एयर मिसाइल एयर डिफेंस सिस्टम को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है. लॉंग रेंज रूसी S-200, S-300 और ईरानी Bavar-373 एक्टिव हैं. तो मीडियम रेंज US MIM-23 Hawk, HQ-2j और Khordad-15 और क़रीब शर्ट रेंज चीनी CH-SA-4 और 9K331 Tor-M1 को हाई अलर्ट पर है.

Tags: Iran news, Israel, Israel aerial strikes, Supersonic Cruise Missile

FIRST PUBLISHED :

October 3, 2024, 20:51 IST

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